एम्स संघर्ष समिति के प्रधान शयोताज सिंह व समिति के प्रवक्ता कॉमरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने एम्स निर्माण को लेकर छपे बयान को हास्यास्पद बताया और कहा कि मान लिया एम्स निर्माण का सपना राज नेताओ का है तो उस सपने को साकार करने में बाधा कौन बन रहा है? अगर वे अपने स्वप्न को साकार कर लेते तो यहां की जनता को गर्मी सर्दी में 127 दिनों तक संघर्ष नही करना पड़ता।
उन्होंने कहा कि आंदोलन करना जनता का शौक नही, बल्कि मजबूरी है। प्रशासन का यह बयान कि जब किसान चाहेगे, तब रजिस्ट्री कर दी जाएगी तो साहब किसान तो 8 माह से अपनी जमीन सरकार को देने और मुआवजा लेने के इंतजार में है। इसमें चाहने का तो कोई सवाल ही नही है।
उन्होंने कहा कि एम्स संघर्ष समिति ने जो सवाल उठाए है, उन सवालों का सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल को जवाब देना चाहिए था। बजाय यह बयान दिलाने के। वहीं 8 माह बाद डॉ बनवारी लाल को राव इंद्रजीत सिंह याद आ गए। बनवारी लाल ने तो मीडिया में यह कहा था कि मुख्यमंत्री और वह खुद बड़ी मुस्तैदी से एम्स के लिए लगे हुए है। मगर आज उनका नाम लेने के पीछे की मंशा जनता समझती है। राव इंद्रजीत सिंह ने खुद कहा था कि अगर आंदोलन नही होता तो यह प्रोजेक्ट सिरे नही चढ़ पाता तो डॉ बनवारी लाल बताए कि क्या यह राव इंद्रजीत सिंह ने गलत कहा था। हालाकि राव इंद्रजीत सिंह ने भी एम्स निर्माण में गंभीर कोशिश नही की।
अब संघर्ष समिति की मांग है कि 9 जुलाई तक रजिस्ट्री करवा दी जाए और किसानों को मुआवजा दे दिया जाए। वहीं डॉ बनवारी लाल जनता को अपमानित करने के लिए माफी मांगे। अन्यथा 10 जुलाई को बावल में काले झंडो के साथ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।