मंडी की द्रंग वैली के जंगली गेंदे के फूल से निकलने वाले टैगेट तेल से अब ब्रिटिश महिलाएं संवरेंगी। आईआईटी मंडी, जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर, नाबार्ड और इनेबलिंग वूमन ऑफ कमांद वैली सोसायटी के संयुक्त इंडस्ट्री बायोटेक प्रोडक्ट नामक प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय किसान उत्पादक कंपनी को यूके की खश कॉस्मेटिक्स कंपनी ने 500 लीटर तेल का ऑर्डर दिया है।
इस तेल से परफ्यूम, फेस पैक, फाउंडेशन पाउडर और लिप ग्लास आदि तैयार कर यूके की मार्केट में उतारे जाएंगे। कंपनी ने पूरे भारत के उत्पादकों से टैगेट तेल के सैंपल मंगवाए थे, जिसके लिए टेंडर आमंत्रित किया था। करीब 200 से अधिक सैंपल में द्रंग वैली के जंगली गेेंदे से निकले टैगेट के तेल को सबसे उत्तम पाया गया। यह तेल बंजर भूमि पर जंगली गेंदे के फूल को उगाकर निकाला गया है, जिसे अब अंतरराष्ट्रीय मार्केट मिली है।
यह प्रोजेक्ट 2019 में शुरू किया गया। 2021 तक इस प्रोजेक्ट में आईआईटी मंडी और जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के वैज्ञानिकों ने संबंधित एजेंसियों के साथ काम किया। गेंदे की खेती व्यापक स्तर पर की गई। जब फूल निकलने लगा तो अरोमा मिशन-2 के तहत टैगेट तेल निकालने की यूनिट सालगी गांव में लगाई गई। जिसमें कटौला, बथेरी, कटिंधी, सकारायर, कमांद और नवलय पंचायतों के किसानों को जोड़ा गया। इस कंपनी में करीब डेढ़ सौ स्टेक होल्डर हैं।