भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान पर बवाल मचा है। उन्होंने पटना में अपनी पार्टी के मोर्चों की बैठक में कहा कि सारी पार्टियां खत्म हो जाएंगी और सिर्फ भाजपा बचेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सारी क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी। उनके इस बयान पर बिहार के सबसे बड़ी क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से पहले भाजपा की सहयोगी जनता दल यू ने प्रतिक्रिया दी। उसके प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि लोकतंत्र में क्षेत्रीय पार्टियां ही बचेंगी। बाद में दिग्गज विपक्षी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि अगर सिर्फ एक पार्टी बचेगी तब तो लोकतंत्र ही खत्म हो जाएगा। नड्डा के इस बयान और उससे पहले उनके खिलाफ हुए प्रदर्शन से जो विवाद पैदा हुआ है उससे दोनों पार्टियों के बीच की दूरी बढ़ गई है।
भाजपा नेताओं का आरोप है कि बिहार पुलिस ने जान-बूझकर सूचना की अनदेखी की और वामपंथी छात्र संगठन आईसा के कार्यकर्ताओं को रोका नहीं तभी उन छात्रों ने जेपी नड्डा को घेर कर नारेबाजी की और उनकी गाड़ी का घेराव किया। उस घेराव और प्रदर्शन के बाद ही नड्डा ने सभी पार्टियों के खत्म हो जाने का बयान दिया। यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी के सात मोर्चों की बैठक में दो सौ सीटों पर भाजपा के लड़ने की तैयारी की चर्चा हुई है। इसके साथ ही नीतीश कुमार के कोरोना की भी कम चर्चा नहीं है। बताया जा रहा है कि 23-24 जुलाई को ही उनकी तबियत बिगड़ी थी और 26 जुलाई को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। लेकिन उससे पहले ही जदयू के नेताओं ने संकेत दे दिए थे कि 30-31 जुलाई को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब पटना में होंगे तो नीतीश उनसे नहीं मिलेंगे। हालांकि भाजपा के नेता मुलाकात की उम्मीद कर रहे थे। पर कोरोना की वजह से मुलाकात नहीं हुई। उससे पहले नीतीश न तो नए राष्ट्रपति के शपथ समारोह में शामिल हुए और न पुराने राष्ट्रपति की विदाई में शामिल हुए।