जामिया मिल्लिया इस्लामिया (सौ साल पूराना विश्वविद्यालय) आजादी से लेकर अब सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करवाकर देश सेवा में अपना अहम योगदान दे रहा है। जामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकेडमी एससी, एसटी, अल्पसख्यंक के साथ खासतार पर महिलाओं को मुफ्त प्रशासनिक सेवाओं से जुडने में खास तौर पर काम कर रही है। इस वर्ष आरसीए से 23 उम्मीदवार सफल रहे हैं। जबकि अब तक 11 सालों में 300 प्रशासनिक अधिकारी दिए हैं। इसी के चलते यूपीएससी 2021 की टॉपर श्रुति शर्मा भी मानती हैं कि यदि आरसीए नहीं होता तो मेरा प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाता। यहां तैयारी के साथ बेहतर मार्गदर्शन भी मिला, जोकि निजी कोचिंग सेंटर में नहीं मिल सकता था। इसलिए मेरे प्रशासनिक अधिकारी बनने का श्रेय अभिभावकों के साथ-साथ मैं आरसीए को भी दूंगी।
जामिया आरसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चयनित उम्मीदवारों को तीन चरणों में तैयारी करवाई जाती है। किसी भी एक चरण में असफल होने पर आरसीए से बाहर कर दिया जाता है। पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम) होता है। यदि कोई छात्र प्रीलिम की परीक्षा में सफल नहीं होता है तो उसे अकेडमी से बाहर कर दिया जाता है। इसके बाद दूसरा चरण मुख्य परीक्षा (मैन) है, इसमें भी सफलउम्मीदवारों को ही साक्षात्कार (इंटरव्यू) की तैयारी करवाई जाती है। यहां जनरल स्ट्डी, विषय विशेषज्ञता आदि पर कोचिंग मिलती है।