(रितेश चौहान)- धर्मपुर विकास खंड की सरसकान पंचायत में कुछ लोगों ने भोले भाले ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर करके पेशी लगा दी है।जब कुछ लोगों को कोर्ट में हाजिर होने के लिए सम्मान पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। मामला सरसकान पंचायत का है जिसमें 27 अप्रैल 2022 को बीपीएल परिवारों की समीक्षा करके ग्रामसभा द्वारा अपात्र लोगों को बाहर कर दिया गया था।लेकिन कुछ शातिर किस्म के लोगों ने काटे गए लोगों के फर्जी हस्ताक्षर करके करीब बीस लोगों का शिकायत-पत्र मुख्यमंत्री, उपायुक्त मंडी और एसडीएम धर्मपुर को सौंपा था।
उपमंडलाधिकारी(ना) ने मामले की छानबीन के लिए शिकायतकर्ताओं को जब सम्मन जारी किए तो अधिकांश लोग सकते में आ गए कि उनके नाम पर कौन शिकायत दर्ज करा गया।काबिलेजिक्र है कि 25-30 सालों से बीपीएल सूची में कुंडली मारकर बैठे परिवारों को हटाने के लिए पंचायत के शिक्षित युवाओं ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी जिसे ग्राम सभा ने ध्वनिमत से स्वीकार करते हुए अपात्र लोगों की छंटनी कर कुछ पात्र परिवारों को बीपीएल सूची में डाला था लेकिन कुछ लोगों ने इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए इसे उनके साथ भेदभाव का आरोप लगाया था।
शिकायत पत्र में उन लोगों के भी नाम हैं जो ग्राम सभा में उपस्थित नहीं थे जबकि नियमानुसार जो व्यक्ति बीपीएल में है उसे उस दिन उपस्थित रहना था ताकि नाम कटने की स्थिति में वह अपना पक्ष रख सके।
कुछ अपात्र लोग 25 साल से बीपीएल परिवार बनकर असली गरीबों का हक खा रहे थे।ग्रामसभा की संस्तुति के पश्चात उनको हटाकर पात्र परिवारों को सूचीबद्ध किया गया है।चयन में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है।बीपीएल परिवारों के चयन को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज की है।इस संदर्भ में पंचायत सचिव से रिपोर्ट मंगा कर छानबीन शुरू कर दी गई है।जिन्हें सम्मन भेजे गए हैं अगर वह कोर्ट में आकर शिकायत पत्र को झूठा और उनके जाली हस्ताक्षर किए जाने का बयान देते हैं तो कानूनन कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।