
ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन ने रविवार को पंचकूला में विभिन्न कंपनियों की ऐप बेस्ड टैक्सी सेवा से उन्हें हो रहे नुकसान व कंपनियों द्वारा किए जा रहे शोषण को लेकर मीटिंग की। इस मीटिंग में भाजपा के राज्य सचिव संजीव खन्ना व पंचकूला जिला जेजेपी अध्यक्ष ओ पी सिहाग, के सी भारद्वाज ने कैब असोसिएशन की समस्याएं सुनी। ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा प्रति किलोमीटर अधिकतम मुल्य निर्धारित किया जाता है, लेकिन न्युनतम मुल्य निर्धारित नहीं किया जाता है, इसलिए प्रति किलोमीटर अधिकतम व न्युनतम मुल्य निर्धारित किया जाना चाहिए व निर्धारित मुल्य ऐप्स से दिलाएँ जाए। उन्होंने मांग की ओला, ऊबर, इन ड्राइवर, बला बला आदि ऐप्स धडल्ले से चल रहें हैं, जो सरकार को कर नहीं चुका रहें, ऐसे ऐप्स को बंद किया जाना चाहिए और केवल सरकार की शर्तों पर कार्य करने वाले ऐप्स चलाएं जाएं, या सरकार अपना ऐप्स चलाएं इससे सरकार को सिधी आय लाभ होगा व प्राईवेट ऐप्स व प्राईवेट साधनों का फर्जीवाड़ा भी रुकेगा और अपराध पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि कई प्राइवेट व्हीकल अपने टू व्हीलर और गाड़ियां उक्त ऐप्स के साथ अटैच कर चला रहे हैं। इससे उनके धंधे में फर्क पड़ रहा है जिसे बंद किया जाए। उन्होंने मांग कि की चंडीगढ़ सहित ट्राई सिटी परमिट नंबर गाडीयों को टैक्स मुक्त किया जाए। एसोसिएशन ने मांग हर तरीके का टैक्स भरने वाले ड्राइवरों के परिवार

की सुरक्षा व किसी अप्रिय घटना से की सूरत में ऐप्स मालिकों या सरकार को ड्राइवरों का 20 लाख बीमा निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक स्थानो पर कैब पार्किंग को निशुल्क करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी ऐप्स चलाई जाए तो पार्किंग व सडकों पर जाम की समस्या भी कम होगी और सरकार को भी सिधी आय के साथ लोगों को रोजगार मिलेगा वहीँ अपराध पर भी अंकुश लगेगा। इस मौके संजीव खन्ना और ओ पी सिहाग ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि वे उनकी मांग को सरकार तक पहुचाएंगे। संजीव खन्ना ने टैक्सी चालकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वरोजगार की योजना को साकार कर रहे हैं ताकि भारत आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत वाणिज्यिक वाहनों की खरीद के लिए सरकार द्वारा ऋण प्रदान किया जाता है।