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सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों रुपए ठग फर्जी जॉइनिंग लेटर देने का मामला

  स्वास्थ्य विभाग में ग्रुप डी के पदों पर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लोगो से  लाखों रुपए ठग फर्जी जॉइनिंग लेटर देने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं जॉइनिंग लेटर पर फर्जी मेडिकल ऑफिसर के साइन तक किए गए है।नौकरी ना मिलने पर सभी अपने परिजनों के साथ आज यमुनानगर के मुकंद लाल नागरिक अस्पताल पहुंचे और इस मामले में सिविल सर्जन डॉ मंजीत सिंह से मुलाकात की ।वही फिलहाल इस मामले की जांच पुलिस कर रही है। सिविल सर्जन डॉ मनजीत सिंह का इस मामले में कहना है कि कुछ लोग आज उनसे मिले हैं और उन्होंने बताया है कि अस्पताल की ही कोई स्टाफ नर्स और उनके साथ किसी और ने मिलकर नौकरी देने के नाम पर उनसे पैसे लिये हैं। फिलहाल उन्होंने इस बारे में मुझे मौखिक रूप से आज बताया है अगर किसी ने भी ऐसा किया है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा ।लिखित शिकायत मिलती है तो उस कर्मचारी के खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी भी की जाएगी। सिविल सर्जन का कहना है कि फिलहाल उस कर्मचारी से पूछे जाने पर उसने इस बारे में कुछ भी जानकारी ना होने की बात की है और पैसे लेने की बात से साफ इनकार किया।

स्वास्थ्य विभाग में ग्रुप डी के पदों पर सरकारी नौकरी लगवाने के के हसीन सपने दिखा लाखों रुपए लेकर फर्जी जॉइनिंग लेटर थमा दिए । लेकिन हाथ में लैटर आने के बाद भी जब जॉइनिंग नहीं हुई तब इन सबको अपने साथ हुए फर्जीवाड़े का एहसास हुआ और आज ये सभी लोग अपने परिजनों के साथ यमुनानगर सिविल अस्पताल पहुंचे।

इनका तो यहाँ तक कहना है कि  अस्पताल में ही नर्स के पद पर कार्यरत महिला ने उन्हें 3 महीने सिविल अस्पताल में काम करवाया और बाद में हाथ खड़े कर दिए। 3 महीने काम करने के बाद भी जब युवकों को अस्पताल से वेतन ना मिला तो बच्चों के परिजनों ने भागदौड़ की तो पता चला कि उनकी जॉइनिंग कहीं हुई ही नहीं और उनके हाथों में आये जॉइनिंग लेटर फर्जी हैं। परिजनों ने आज सिविल सर्जन से मिलकर पैसे वापस लौटाने  की गुहार लगाई और बाद में जमकर बवाल काटा।

यमुनानगर के सिविल अस्पताल में सिविल सर्जन से मिलने के लिए आज 15 से अधिक युवकों के परिजन पहुंचे तथा सिविल सर्जन डॉ मंजीत सिंह से मिलकर अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उन्होंने एक-एक बच्चे के लिए तीन से पांच पांच लॉख रुपए अस्पताल में कार्यरत नर्स इंदु को दिए हैं ।जिसने सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। पैसे लेने के पश्चात महिला ने युवकों को जॉइनिंग लेटर भी थमा दिए जो कि बाद में फर्जी साबित हुए। युवकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला नर्स द्वारा उनसे पैसे लिए गए इसके बाद पहले तो उसने जॉइनिंग लेटर देने में देरी की बाद में जॉइनिंग लेटर देने के साथ-साथ अस्पताल में भी उनसे 3 महीने तक बिना पैसे के काम करवाया ।3 महीने के पश्चात जब उन्हें पैसे नहीं मिले तो वह पैसे लेने के लिए प्रयास करने लगे तो पता चला कि ना तो उनकी कहीं जॉइनिंग हुई है और ना ही उन्हें दिया गया जॉइनिंग लेटर असली है। तीन लाख से लेकर पाँच पांच लाख देने वाले परिजनों को जब यह बात पता चली कि उनके बच्चों के नियुक्ति पत्र फर्जी हैं तो उनके पांव तले की जमीन खिसक गई और उन्होंने आज परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ मनदीप सिंह से मुलाकात कर उनसे नर्स इंदु के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने तथा नौकरी की आवाज में लिए गए लाखों रुपए वापस दिलाने की मांग की। वहीं सिविल सर्जन डॉक्टर मंजीत सिंह  ने कहा कि यदि किसी बीच स्टाफ के सदस्य ने ऐसा किया है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करना पुलिस और न्यायालय का काम है। हालांकि मैंने विभागीय तौर पर मौखिक तौर पर आई शिकायत के आधार पर मौखिक रूप से नर्स से पूछा तो उसने पैसा लेने से इनकार किया है।

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