चंडीगढ़। आम आादमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज राठी ने कहा है कि हरियाणा सरकार ने आशा वर्करों का मानदेय बढ़ाने के नाम पर उनसे धोखा किया है। उनको जितना मानदेय सरकार ने देने की बात कही है, वह तो सरकार की न्यूनतम मजदूरी से भी कम बैठता है। मनोज राठी ने कहा कि आशा वर्करों को पहले चार हजार रुपये मानदेय मिलता था और अब 2100 रुपये बढ़ाने की बात कही गई है। यदि ये 2100 रुपये बढ़ा भी दिए जाते हैं तो इनका मानदेय मात्र 6100 रुपये बनेगा, जबकि ड्यूटी का समय व काम निश्चित नहीं है। किसी भी समय इनके जिम्मे कोई भी काम लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी 380 रुपये प्रतिदिन है और यदि हिसाब से कोई मजदूर 30 दिन काम करता है तो उसे 11 हजार 400 रुपये मिलते हैं। ऐसे में सरकार आशा वर्करों को मानदेय देने के नाम पर न केवल अपने ही नियमों की धज्जियां उड़ा रही है बल्कि आशा वर्करों को कर्मचारी तो दूर, मजदूर भी नहीं मान रही है, जो निंदनीय है।
एक अन्य मामले में मनोज राठी ने हरियाणा सरकार से मांग की कि वह हांसी को जिला बनाने या न बनाने बारे स्थिति स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि हांसी को जिला बनाने की मांग बहुत पुरानी है और हांसी को जिला बनाना जरूरी भी है। हांसी को जिला बनाने के लिए लंबे समय से क्षेत्र के नागरिक मांग करने के साथ-साथ आंदोलन भी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विनोद भ्याणा ने क्षेत्र की जनता ने हांसी को जिला बनाने का वादा करके वोट मांगे थे। वे विधायक बन गए और उसके बाद भी बयान देते रहे हैं कि हांसी को वे जिला बनवाएंगे लेकिन अभी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हांसी को जिला बनाने के मसले पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल चुप है और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जिला बनाने से इनकार भी कर चुके हैं। ऐसे में विधायक ने हांसी को जिला बनाने के बयान क्यों दिए, इसके पीछे क्या कारण रहे, हांसी जिला बनेगा या नहीं, यह स्थिति सरकार को स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि हांसी को जिला बनाने के बयानों का आड़ में विधायक विनोद भ्याणा प्रोपर्टी का मोटा गेम खेलने के प्रयास में है और क्षेत्र की जनता को इससे सावधान रहना चाहिए।