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धर्मपुर में आउटसोर्स मज़दूरों को हटाने का सीटू ने किया विरोध

(रितेश चौहान)- धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में रोज़गार के नाम पर युवाओं के साथ धोखा हुआ है जो अब शिमला क्लीनवेज कंपनी का जलशक्ति विभाग के साथ टेंडर ख़त्म होने पर सड़कों पर आ गए हैं। पूर्व जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के तथाकथित विकास और युवाओं को रोज़गार देने के मॉडल का सच अब जनता के सामने आना शुरू हो गया है।पूर्व जलशक्ति मंत्री ने अपने कार्यकाल में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में सैंकड़ों युवाओं को रोज़गार के नाम पर ठगा था जिसके चर्चे पूरे प्रदेश में होते थे लेकिन उन्होंने रोज़गार के नाम पर युवाओं के साथ धोखा किया है।जिसके कारण अब लगभग पौने दो सौ के आसपास मज़दूरों को विभाग ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है और जिन्हें लंबे अरसे से वेतन भी नहीं मिल रहा था।मज़दूर संगठन सीटू के ज़िला अध्यक्ष व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्व जलशक्ति मंत्री जिन्हें आउटसोर्स कर्मचारियों और मज़दूरों के लिए नीति बनाने वाली मंत्रिमण्डलीय उप समिति का मुखिया बनाया था लेक़िन उन्होंने प्रेदेश के पचास हजार से ज़्यादा मज़दूरों को धोखे में रखा औऱ धर्मपुर मंडल में भी उन्होंने जलजीवन मिशन में युवाओं को नॉकरी देने के नाम पर भर्ती किया था और अब कंपनी का टेंडर ख़त्म हो गया है तो उसके माध्यम से रखे गए सभी मज़दूर बाहर हो गए हैं।यही नहीं अभी कुछ और मज़दूर जो कार्यालयों में डाटा एंट्री ऑपरेटर व अन्य कार्यों के लिए रखे हैं उनका टेंडर भी सितंबर माह में ख़त्म होने जा रहा है उसके बाद वे भी सड़कों पर होंगे।भूपेंद्र सिंह ने नई सरकार से मांग की है कि धर्मपुर में जो भर्तियां पिछली सरकार के समय हुई थी उनकी जांच करवाने की ज़रूरत है कियूंकि इन भर्तियों में विभागीय नियमों को ताक पर रख कर पूर्व मंत्री के चेहतों को चीटों पर रखा गया है और इन भर्तियों में कोई पारदर्षिता नहीं थी।

विभागीय अधिकारियों व कर्मचारिओं पर पूर्व मंत्री और उनके परिवार का पूरा दबाब होता था और उन्हीं के चीटों पर ये भर्तियाँ हुई हैं और अब जब इनका रोज़गार ख़त्म हो गया है तो वे अब नदारद हैं जबकि इन सभी मज़दूरों को वे पार्टी वर्कर के रूप में इस्तेमाल करते थे और पिछले पँचायत चुनावों में तो ये सब मंत्री की बेटी के प्रचारक होते थे।उन्होंने सरकार से मांग की है कि जो मज़दूर नियमों के तहत और विभागीय शर्तों के अनुसार भर्ती हुए हैं उनका रोज़गार सुरक्षित रहना चाहिए और जो नियमों के विपरीत और बिना ट्रेंनिग का प्रमाण पत्र के रखे गए हैं उनके बारे में यहां के नवनिर्वाचित विधायक को सारी स्थिति जनता को बतानी चाहिए ताकि वास्तविकता का पता चल सके।उन्होंने ये भी मांग की है कि सरकार को आउटसोर्स आधार के बजाए रैगुलर आधार पर विभाग के माध्यम से भर्तियाँ करनी चाहिए और इस प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिये।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जो मज़दूर पूर्व में आउटसोर्स आधार पर रखे गए हैं उन्हें दूसरी कंपनी को टेंडर मिलने की स्थिति में उन्हीं मज़दूरों को ही प्राथमिकता के आधार पर रोज़गार देने की मांग की है और इन्हें विभाग में मर्ज करने के लिए पालिसी बनाने की भी मांग की है।उन्होंने ने निकाले गए मज़दूरों से आह्वान किया है कि वे एकजुट होकर यूनियन का गठन करें और अपने रोज़गार की रक्षा के लिए एकजुटता करें जिसमें मज़दूर संगठन सीटू उनकी मदद करने के लिए तैयार है।

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