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Imphal: रिहा किए गए व्यक्ति को फिर से किया गिरफ्तार, सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच फिर हुई झड़प।

मणिपुर में पिछले कई महीनो से चल रही हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं और अब भी हिंसा के कारण अब तक कई लोगों ने अपनी जान भी गवा दी। वही, अब एक विशेष अदालत द्वारा जमानत पर रिहा किए गए पांच रक्षा स्वयंसेवकों में से एक को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी ने फिर से गिरफ्तार कर लिया हैं। जिसके बाद बीती रात शुक्रवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल के पश्चिम दिशा के कुछ इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक बार फिर से झड़प हुई। इसकी जानकारी अधिकारियों के हवाले से सामने आई है।

अधिकारियों ने बताया कि हालांकि दोबारा गिरफ्तार किए गए युवक की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए चार युवाओं को जमानत मिलने के बाद उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया, जबकि प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व कैडर मोइरांगथेम आनंद को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है।

वही, इंफाल पुलिस स्टेशन के सामने रोते हुए आनंद की पत्नी ने कहा, मुझे पुलिस ने बताया है कि मेरे पति को 10 साल से अधिक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया है। रिहा किए गए ग्राम रक्षा बल के स्वयंसेवकों में से एक की पहचान एल माइकल के रूप में हुई, उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया कि हाँ हममें से चार को लॉक-अप से रिहा कर दिया गया था, लेकिन आनंद को कुछ अधिकारियों ने भगा दिया था। वह आखिरी बार था जब हमने उसे देखा था।

इस बीच, RAF कर्मियों समेत सुरक्षाकर्मियों ने इंफाल पश्चिम जिले के क्वाकीथेल स्ट्रेच, सिंगजामेई और उरीपोक में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार और पुलिस के विरोध में बीच सड़क पर टायर जलाए। इंफाल की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को पांचों युवकों को 50,000 रुपये का पीआर बांड भरने पर जमानत पर रिहा कर दिया था।

पुलिस ने 16 सितंबर को इंफाल पूर्वी जिले के कोंगबा में आनंद को चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार करते समय उसके पास से 78 राउंड गोला बारूद के साथ एक इंसास राइफल (INSAS rifle) बरामद की थी। गुरुवार को, राज्य में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच व्यापक झड़पें देखी गईं, जब प्रदर्शनकारियों ने पांच ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए “अदालत गिरफ्तारी आंदोलन” के तहत पुलिस स्टेशनों पर धावा बोलने का प्रयास किया। हालांकि, हिंसा दिन-प्रतिदिन राज्य में बढ़ती ही जा रही हैं। जिस कारण वहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

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