(रितेश चौहान)- आउटसोर्स कर्मचारियों की छटनी और उनकी इस हालत को लेकर कांग्रेस ने पूर्व भाजपा सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है हिमाचल प्रदेश कांग्रेस आरटीआई सेल के कोऑर्डिनेटर अधिवक्ता केके वर्मा ने पूर्व जयराम सरकार विशेषकर पूर्व जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए 5 वर्षों में कोई भी ठोस नीति ना बनाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई कंपनियां अपने कामों को समेट कर वहा रखे गए कर्मचारियों की नौकरियां छीन रही है यही कारण है कि धर्मपुर जल शक्ति मंडल के साथ-साथ पूरे प्रदेश में रखे गए युवाओं को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है .
कांग्रेसी नेता ने आउटसोर्स कर्मचारियों को उकसाने और भड़काने को लेकर भारतीय मजदूर संघ की भी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह संघ भी भाजपा की ही एक इकाई है और तब भामस के नेता क्यूं चुप रहें जब पूर्व जयराम सरकार द्वारा इन युवाओं के लिए कोई भी नीति नहीं बनाई अगर बीजेपी ने इन कर्मचारियों के लिए ठोस नीति के लिए काम किया होता तो आज यह नोबत ही नहीं आती वर्मा ने कहा की भारतीय मजदूर संगठन केवल मात्र बीजेपी को राजनीतिक फायदा पहुंचाने के लिए आंदोलन की धमकी दे रहा है उन्होंने पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह पर निशाना साधते कहा उन्हे इन आउट सोर्स कर्मचारियों के लिए एक समिति का चेयरमैन बनाया गया था लेकिन उन्होंने पूरे 5 साल तक इनके हितों के लिए कोई भी ठोस कार्य नहीं किया तब भारतीय मजदूर कहां सोया हुआ था जब बीजेपी सरकार में इन हटाए गए युवाओं को 3 महीने का वेतन नहीं मिला था वर्मा ने कहा की भारतीय मजदूर संघ ने पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल दौरान इन आउट सोर्स कर्मचारियों के हितों के लिए स्थाई समाधान क्यों नहीं किया उन्होंने सलाह दी कि भारतीय मजदूर संघ जो को अधिकारियों और कांग्रेस सरकार के घेराव करने के बजाए पूर्व जल शक्ति मंत्री मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के घर के सामने धरना देना चाहिए.