(रितेश चौहान)- पूर्व सरकार के समय धर्मपुर में हुए तथाकथित विकास और करोड़ों रुपए की देनदारियों पर मौजूदा कांग्रेस सरकार की रहस्यमयी चुप्पी जनता को सोचने पर मजबूर कर रही कि पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह को वीरभद्र कैंप का विरोधी होने का ईनाम तो नहीं दिया जा रहा। यह आरोप लगाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता व पूर्व जिप पार्षद भूपेंद्र सिंह ने कहा कि करप्शन पर जीरो टॉलरेंस का नारा देकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार महेंद्र सिंह द्वारा सरकारी खजाने के दुरुपयोग पर चुप क्यों है। क्या कहीं सरकारी सांठ गांठ है या फिर सरकार पूर्व सरकार का अनुसरण कर रही है। सबसे ज्यादा विकास के दावे और लगभग 500 करोड़ रुपये की देनदारियां होने के बारे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने इस बारे स्वेत पत्र जारी करने की मांग की है ताकि इस तथाकथित विकास के मॉडल को स्थापित करने वाले पूर्व मंत्री की सच्चाई जनता के सामने आ सके।उन्होंने कहा कि मंडी ज़िला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से इस बार जनता ने भाजपा नेता व पूर्व मंत्री के बेटे को हराकर प्रदेश में इतिहास रचा है।
जिसकी मुख्य बजह पूर्व मंत्री द्धारा गत पांच वर्षों में यहाँ कथित तौर पर किये विकास में हुईबंदरबांट,हेराफेरी,भाई भतीजावाद और भृष्टचार तथा उनके परिवार की तानाशाही के ख़िलाफ़ जनता ने एकजुट होकर मतदान किया और उन्हें हराया है।अब यहां की जनता नई सरकार से उम्मीद लगाये बैठे हुए हैं कि वे पूर्व मंत्री की कारगुजारियों पर कार्यवाई करेगी लेक़िन बीते दो महीनों में इसके कोई संकेत नहीं आये हैं और धर्मपुर के विधायक ने 8 फ़रवरी को धर्मपुर में आयोजित कार्यक्रम में ये खुलासा किया कि पूर्व मंत्री ने धर्मपुर में बहुत से कार्य बिना बजट के ही शुरू करवा दिए हैं और लगभग 500 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं।जिसके चलते बहुत से काम अभी अधूरे हैं और उन्हें पूरा करने की उनके लिए चुनौती है।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि माकपा पूर्व मंत्री के द्धारा किये गए इस तथाकथित विकास और उसमें बरती गयी अनियमतताओं बारे निरतंर आवाज़ उठाई थी और इस उम्मीद के साथ यहाँ पर भाजपा के उम्मीदवार व पूर्व मंत्री के बेटे को हराने के लिए सहयोग किया था ताकि यहाँ फैले भ्रष्टाचार व परिवार की तानाशाही पर अंकुश लगाया जा सके और उसमें सफ़लता भी हॉसिल हुई है।लेकिन कांग्रेस पार्टी की नई सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कि है जिससे जनता में कई सवाल खड़े हो रहे हैं और दबी जुबान ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नई सरकार पूर्व मंत्री के कारनामों की जांच करेगी या उन पर पर्दा डालने का ही काम करेगी!भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में लोकनिर्माण, जकशक्ति, बाग़वानी और विभागों में बड़े पैमाने पर भाई भतीजावाद और सरकारी धन की बंदरबांट हुई है।

लोकनिर्माण विभाग में तो एक कनिष्ठ अधिकारी को नियमों को ताक पर ऱखकर विभाग का मुखिया बनाया गया था और उन्होंने सरकार नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पांच साल काम किया और अभी तक भी यहीं पर डटे हुए हैं।इनकी कर्यप्रणाली बारे विपक्ष लगातार आवाज़ उठाता रहा था लेक़िन उस समय कोई कार्यवाई नहीं हुई है।इस विभाग में सभी ठेके पूर्व मंत्री के रिश्तेदारों और वर्करों को ही मिलते थे।इस विभाग में सौ करोड़ रुपये के आसपास का ओवरड्राफ्ट है जो बिना डीपीआर तैयार किये और फण्ड डाइवर्ट करके खड़ा हुआ है।इसके अलावा जलशक्ति विभाग में अरबों रुपये के ठेके एक ख़ास कम्पनी को आवंटित किए गए थे जिसने मंत्री के बेटे को क्रिस्टा इनोवा गाड़ी मुहैया कराई थी जिस पर वो पांच साल सैर सपाटा करता था।विभाग में अढ़ाई हज़ार से ज़्यादा मज़दूरों की भर्ती चिटों पर की गई है जो ज़रूरत से कहीं ज्यादा है।विश्राम गृहों व अन्यवभवनों के निर्माण और उनके संचालन में मंत्री के रिश्तेदारों ने ख़ूब पैसा इकठ्ठा किया है।सिंचाई योजनाओं के लिए अगले बीस वर्ष तक के लिए पाइपें ख़रीद ली है लेकिन अभी तक कोई भी स्कीम चालू नहीं हो पाई है।इसी प्रकार बागवानी विभाग के शिवा प्रोजेक्ट में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी हुई है।

यही नहीं कृषि विभाग में उपकरण और अन्य सुविधाएं सोलर लाइटें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना में घरों के निर्माण के लिए भी भाजपा के वर्करों को फ़ायदा पहुंचाया गया था।यही नहीं धर्मपुर नलवाड़ी मेले के पैसे से भाजपा के लोगों को हेलीकॉप्टर में सैर सपाटे के लिए ख़र्च किया था।पूर्व मंत्री का बेटा सरकारी कार्यक्रमों में अघोषित तौर पर मुख्यथिति बनाया जाता था और वही उदघाटन करता था।जबकि चुने हुए जनप्रतिनिधि उनकी आदर ख़ातिर का काम करते थे।विभागीय अधिकारियों को नियमों के अनुसार काम नहीं करने दिया जाता था और पूरी तरह परिवारराज क़ायम हो गया था।इसलिए माकपा और धर्मपुर की जनतन्त्रपक्षी जनता ने उन्हें उखाड़ने का काम किया है और नई सरकार से उम्मीद है कि वे पूर्व मंत्री के काले कारनामों को जनता के सामने लायेगी और उन्हें क़ानून के तहत सख्त से सख़्त सजा देगी।