रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की अपनी अपील को दोहराया । उन्होंने कहा कि क्रिप्टो ‘जुआ के अलावा कुछ नहीं’ है और उनका कथित ‘मूल्य सिर्फ एक छलावा है ।’ इस तरह की मुद्राओं पर अपने विरोध को आगे बढ़ाने हुए और अन्य केंद्रीय बैंकों के मुकाबले बढ़त लेने के लिए आरबीआई ने हाल में ई-रुपये के रूप में अपनी डिजिटल मुद्रा पेश की है ।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इसका समर्थन करने वाले इसे एक संपत्ति या इकोनॉमिक प्रोडक्ट कहते हैं, लेकिन इसमें कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है, यहां तक कि इसमें एक ‘ट्यूलिप’ भी नहीं है । गौरतलब है कि पिछली शताब्दी की शुरुआत में ट्यूलिप के फूल की मांग बहुत बढ़ गई थी और इसकी कीमत आसमान पर पहुंच गई । लोग किसी भी कीमत पर ट्यूलिप पाना चाहते थे । उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक संपत्ति, प्रत्येक वित्तीय उत्पाद में कुछ अंतर्निहित मूल्य होना चाहिए ।
लेकिन क्रिप्टो के मामले में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है, एक ट्यूलिप भी नहीं, और क्रिप्टो के बाजार मूल्य में वृद्धि सिर्फ एक छलावा है ।’ उन्होंने कहा कि इसे बहुत स्पष्ट रूप से कहें तो यह जुआ है । दास ने जोर देकर कहा, ‘हम अपने देश में जुए की अनुमति नहीं देते हैं, और यदि आप जुए की अनुमति देना चाहते हैं, तो इसे जुआ ही मानें और जुए के नियम निर्धारित करें, लेकिन क्रिप्टो एक वित्तीय उत्पाद नहीं है ।’