पानीपत : लघु सचिवालय के सामने करनाल जिले के क्लोसरा गांव का किसान कृषि बिलों के विरोध में पिछले 4 दिन से अकेला धरने पर बैठा है किसान राजवीर का कहना है पानीपत तीन ऐतिहासिक लड़ाईयों का गवाह रहा है और चौथी किसान के हक की लड़ाई मैंने यहां से शुरू की है अब तक मैं अकेला बैठा हूं आगे यह कारवां और भी बढ़ेगा। इसके उदाहरण रूप में उसने कहा आज मुझे कुछ किसान पगड़ी पहनाने आए।
हिंदी का मुहावरा है अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता यानी एक आदमी कोई बड़ा काम अकेला नहीं कर सकता लेकिन यह भी है की किसी बड़े काम को करने की कोशिश की जाए तो कोशिशें सफल भी हो जाती। दूसरी तरफ सिखों के दसवें गुरू, गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने अनमोल वचनों में कहा है “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियों से मैं बाज तुड़ाऊं, तभी गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊं”। इसलिए मुख्यमंत्री के जिले के गांव क्लोसरा के इस किसान के जज्बे को सलाम करने दिल्ली जा रहे कुछ किसान रुके और पगड़ी पहनाकर इसका हौसला बढ़ाया।वीओ:- धरने पर बैठे किसान से जब यह पूछा कि आप अकेले इस कड़कती ठंड में लघु सचिवालय के सामने क्यों बैठे हो तो उसने पीछे लगे बैनर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब तक सरकार किसान विरोधी तीनों कृषि बिलों को वापस नहीं ले लेती और दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों और किसान नेताओं की वार्ता सरकार के साथ सफल नहीं हो जाती तब तक पानीपत की इस धरती से किसानो के हक की चौथी लड़ाई जारी रहेगी, हमने पूछा अकेले कैसे लड़ पाओगे आप भी दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के साथ बैठो या अपने जिले करनाल में बैठो जहाँ मुख्यमंत्री का दफ्तर व निवास भी है तो उसने कहा पानीपत में तीन ऐतिहासिक लड़ाई हुई है इसलिए मैं यहां बैठा हूं चौथी लड़ाई किसानों के हक की है। आप देख रहे हैं आज कुछ किसानों ने आकर मेरा हौसला बढ़ाया है इस तरह से आहिस्ता आहिस्ता यह कारवां जहां भी बढ़ेगा और हम सफल होगे किसान का पगड़ी पहनाकर सम्मान करने वाले सुखबीर मलिक ने कहा हम इस किसान की हिम्मत की दाद देते हैं कि अकेला ही 4 दिन से किसानो की हक की लड़ाई लड़ रहा है मैं तो यह अपील करूंगा कि जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर नहीं पहुंच सकते वह पानीपत की किसान की चौथी लड़ाई में राजबीर का साथ दें और उसके साथ पानीपत में धरने पर बैठे।