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एम्स बिलासपुर में कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन

एम्स बिलासपुर में एमजे सोलंकी में लगे वर्करों का वेतन संबधी व अन्य मामलों को  लेकर धरना-प्रदर्शन बिलासपुर। एम्स निर्माण में लगे वर्करों ने एम्स परिसर में मंगलवार  को सुबह नौ बजे ही अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। बिलासपुर के एम्स में कार्य रही है एमएस एमजी  सोलंकी कंपनी के वर्करों ने अपने हको की मांग को लेकर कम्पनी प्रबंधन  के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वर्करों का कहना है कि  पिछले दो से तीन वर्षों से कार्य कर रहे वर्कर्स को कम  दिहाड़ी पर काम करवाने के अलावा कई सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। कंपनी ने जो वेतन देने  की बात कही  थी उसे अब नहीं दिया जा रहा है।कर्मचारियों ने आरटीआई के माध्यम से अपने वेतन का खुलासा करते हुए बताया कि 19600 की जगह उन्हें मात्र 11000 रूपए ही  थमाया जा रहा है। बताते चले कि अभी हाल ही में  एमएस एमजी  सोलंकी कंपनी  के ऊपर बिलासपुर एम्स में रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी करके पैसे ऐंठने का मामला भी उठा था। इस मामले को दबाने के लिए अब कम्पनी  ने नई  मैनेजमेंट बिठा दी थी । जो अब आए  दिन वर्करों को डरा धमका रही है। वर्करों ने नाम  न बताने की शर्त पर बताया  कि  एमएस एमजी सोलंकी कंपनी  वेतन मामले पर उन्हें  नौकरी से निकालने की भी धमकी दे रही है। इन वर्करों ने कहा कि जब तक  सही वेतन पर  समझौता नहीं होता पीछे नहीं हटेंगे। वर्करों ने एमएस एमजी सोलंकी कंपनी  को चेताया है कि अगर एक हफ्ते में कर्मचारियों का उनका सही  वेतन नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेवारी  एमएस एमजी सोलंकी कंपनी के अलावा प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन व एम्स प्रशासन की होगी | इस मौके पर एम्स के डिप्टी डायरेक्टर लेफ्टिनेंट कर्नल एम हरि हरन ने कर्मचारी वर्ग को वापिस अपने कार्य पर जाने का आग्रह करते हुए बुधवार को एक बजे तक सभी मांगों पर विचार और हल करने कर आश्वासन दिया|

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