चरखी दादरी। दादरी जिले में मुख्यमंत्री उड़नदस्ते से इतना खौफ हो चुका है कि किसान कमेरे वर्ग को अपना ट्रैक्टर सड़क से ले जाकर खेती कार्य एवं गृह कार्य करना दूभर हो गया है। अगर कोई गरीब किसान रोजी रोटी कमाने या फिर मकान निर्माण सामग्री लाने के लिए शहर में जाता है तो मुख्यमंत्री उड़नदस्ता एवं माइनिंग विभाग के अधिकारी लाखों रुपए के चालान काटकर उनके हाथों में थमा देते हैं। कुछ दिन पहले जिले के कई धर्मकांटा संचालकों को लाखों रुपए का जुर्माना किया गया इस सरकार ने जिस प्रकार से किसान कमरे और छोटे व्यापारी के ऊपर मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के द्वारा छापेमारी करवा कर अनाप-शनाप जुर्माने करवाए हैं। इस प्रकार की कार्यवाही आज तक किसी भी सरकार के दौरान नहीं की गई अगर इस कार्यवाही को जल्द नहीं रोका गया तो चरखी दादरी के सभी संगठन संयुक्त रूप से फैसला लेकर चरखी दादरी बंद का ऐलान करके सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे आज की बैठक में संयुक्त रूप से फैसला लिया गया कि माइनिंग विभाग एवं उड़न दस्ते द्वारा लगाए गए जुर्माने को भरने में हम समर्थ नहीं हैं इसलिए सरकार में शामिल चरखी दादरी एवं बाढड़ा हलके के दोनों जनप्रतिनिधि इस जुर्माने को माफ करवाएं। ट्रैक्टर संचालकों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसान कमेरे वर्ग और छोटे व्यापारी को मारने पर उतारू है किसान कमेरे वर्ग ,व्यापारी वर्ग का जितना शोषण पिछले 70 साल में नहीं किया गया उतना भाजपा के 8 साल के कार्यकाल में जुर्माना एवं टैक्स लगाकर किया गया है।
ट्रैक्टर यूनियन प्रधान राजेंद्र डागर एवं धर्म कांटा प्रधान मुकेश फोगाट ने कहा कि पिछले पांच 6 महीने से जिस प्रकार की तानाशाही मुख्यमंत्री उड़नदस्ते द्वारा चरखी दादरी में की जा रही है इस प्रकार की तानाशाही आज तक छोटे कामगार कमेरे वर्ग पर जुर्माना लगाकर नहीं की गई लेकिन हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री उड़नदस्ता माइनिंग विभाग RTO जितना रेवेन्यू यहां इकट्ठा करता है इतना पूरे हरियाणा से भी इकट्ठा नहीं किया जाता। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता जांच टीम ना होकर सिर्फ रेवेन्यू इकट्ठा करने के लिए एक गुंडा टीम के रूप में काम कर रही है आज की बैठक में सैकड़ों किसान धर्मकांटा एवं ट्रैक्टर संचालकों ने हिस्सा लिया