पंजाब में नशा तस्करों के कारण न-जाने कितने लोगों के घर उजड़े हैं. उड़ते पंजाब के बाद चिटटे के तस्करों ने उड्ता हिमाचल बना दिया है। जी हाँ यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश में मादक पदार्थों के मामले में सबसे ज्यादा मामले चिट्टे के दर्ज किए जा रहे हैं। यह बात अलग है कि पुलिस द्वारा अन्य राज्यों के साथ मिलकर मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें गिने-चुने मामलों में ही माफिया हाथ लग रहे हैं। इसकी अपेक्षा जिन युवाओं को चिट़्टे का आदि बना दिया है वे युवा लग रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने काफी नशा तस्करों को गिरफ्तार भी कर लिया हैं| (Himachal News)
कुल 4527 आरोपितों को गिरफ्तार
इस गोरखधंधे में युवतियों और नाबालिगों को माफिया तस्करी के लिए इस्तेमाल कर रहा है। मादक पदार्थों के कुल मामलों में एक साल दस महीने के दौरान कुल 4527 आरोपियों को गिरफ्तारी किया गया हैं। इनमें से केवल 19 प्रतिशत यानी 932 गैर हिमाचली हैं और बाकी सभी तस्कर हिमाचल निवासी (हिमाचली) ही हैं। मादक पदार्थों को लेकर कुछ माफिया भी पुलिस के हाथ लगे हैं।
तस्करों की संपत्तियां जब्त
इसी का परिणाम है कि करीब नौ करोड़ की ऐसे अवैध तस्करों की संपत्तियों को जब्त करने के लिए ईडी को लिखा गया है। इस दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। मादक पदार्थें की तस्करी में हिरासत में लिए गए गैर हिमाचलियों में सबसे ज्यादा संख्या पंजाब से हैं। चिट्टे व मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस ने विशेष अभियान चलाया हुआ है। (Himachal News)
हिमाचल में चिट्टे और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए अन्य राज्यों से भी संपर्क साध ऐसे मामलों के मुख्य आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि इतने तादाद में आरोपी पकड़े गए हैं। संजय कुंडू, प्रदेश पुलिस महानिदेशक मात्र 7 महीने में दस किलो ग्राम चिट्टा पकड़ा प्रदेश में इस वर्ष बीते 7 महीने के दौरान पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है। इसी का परिणाम है कि दस किलो से ज्यादा चिट्टा बरामद किया गया है और 4527 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया|