
प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस वसूली के खिलाफ शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने ईमेल आईडी लांच की जिसके बाद डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र से 35 अभिभावको ने शिक्षा विभाग को शिकायतें भेजी से जिसका संज्ञान लेते हुए वीरवार को विधायक कुलजीत सिंह रंधावा की अध्यक्षता में एसडीएम डेराबस्सी हिमाशु गुप्ता ने शिक्षा विभाग के डी.ई.ओ प्राइमरी अश्विनी कुमार गुप्ता व सहायक डी.ई.ओ कंचन शर्मा की मौजूदगी में जीरकपुर, डेराबस्सी व लालड़ू क्षेत्र के प्राइवेट स्कूलों की मीटिंग बुला कर निजी स्कूलों की तरफ से किताबों और फंडों के नाम पर की जा रही लूट का सख़्त नोटिस लेते हुए उन्हें चेतावनी दी गई। इस मौके विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने कहा कि उनका लक्ष्य अगला चुनाव नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी के भविष्य को खुशहाल बनाना है। उन्होंने उपस्थित निजी स्कूलों के प्रबंधकों से कहा कि बीते कई दिनों से निजी स्कूलों की तरफ से किताबों /कापियों और अलग-अलग फंडों के नाम और माता-पिता की लूट करने की शिकायतें मिल रही थीं।

इस संबंधी कुछ दिन पहले राज्य के समूह ज़िला शिक्षा अफ़सरों के द्वारा निजी स्कूलों को एक पत्र जारी करके स्कूल रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरफ से किताबों/ कापियों और फीस/फंडों संंबधी हिदायतों की पालना करने के लिए कहा गया था। बावजूद इसके कॉपी-किताबों को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी फिर शुरू हो गई है। पंजाब सरकार के आदेशों को दरकिनार कर अभिभावकों को किसी एक प्रकाशन की पुस्तकें और कॉपियां एक निश्चित दुकान से लेने की लिस्ट थमा दी गई है। जबकि नियम एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई का है। उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अभिभावकों की किताबों-कॉपियों व सालाना फीस के नाम पर वसूली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मौके विधायक रंधावा ने निजी स्कूल प्रबंधकों को अपील करते हुए कहा कि हर एक स्कूल कम से कम एक जरूरतमंद परिवार के बच्चे को गोद लेकर उस बच्चे को शिक्षा जैसा महान दान करे। रंधावा ने बताया उनको यह जानकर बहुत हैरानी हुई है कि निजी स्कूलों की तरफ से एक क्लास की किताबें ही 7000 रुपए की बेची जा रही हैं। निजी स्कूलों के मालिकों और मैनेजमेंटों को हिदायत की कि वह स्कूलों में सिर्फ़ एनसीईआरटी की ही किताबें लगाएं। इस मौके एसडीएम डेराबस्सी हिमांशु गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि जांच में जो भी स्कूल गल्त पाया गया, उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा। यहां तक की मान्यता भी रद्द होगी। उन्होंने कहा स्कूलों के बाहर सड़क पर गाड़ियां खड़ी करना बंद कराने और ट्रैफिक सुधारने के लिए अब योजना बनाकर काम किया जाएगा। उन्होंने प्रबंधकों को आगाह किया की बसों के मामलें में ई वाहन पॉलिसी की सख्ती से पालना की जाए, उन्होंने निजी स्कूलों के प्रबंधकों से नाबालिग बच्चों द्वारा स्कूल में लाए जा रहे वाहनों पर सख्ती करने की अपील की ताकि बच्चों को दुर्घटना से बचाया जा सके इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से भी बच्चों को वहन न देने की अपील की।