(सचिन शर्मा)- मंडी जिला के जलशक्ति डिवीजन सुंदरनगर में विभिन्न पदों पर तैनात 48 आउटसोर्स कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि कर्मचारियों को बीते 6 माह से वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया है। इस कारण कर्मचारियों द्वारा अपने परिवारों का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। इसको लेकर कर्मचारियों ने मंगलवार को जलशक्ति विभाग मंडल सुंदरनगर के अधिशाषी अभियंता ई. रजत कुमार गर्ग को एक ज्ञापन भी सौंपा है। जानकारी देते हुए एचपी आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की सुंदनगर शाखा के अध्यक्ष हरीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 में एक प्राईवेट आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से बेलदार, फीटर और पंप ऑपरेटर के पद पर 48 कर्मचारियों को जलशक्ति विभाग मंडल सुंदरनगर के अधीन रखा गया था। आउटसोर्सिंग कंपनी का सरकार के साथ करार 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो गया है।
कर्मचारियों द्वारा लगभग पौने चार वर्षों तक विभाग में अपनी सेवाएं देने के बाद अब अचानक से मौखिक तौर पर उन्हें नौकरी से बाहर निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अब बिना किसी नियम को अपनाते हुए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा फोन के माध्यम से नौकरी पर नहीं आने का फरमान सुनाया जा रहा है। कर्मचारियों को बीते 6 माह से वेतन मान का भी भुगतान नहीं हुआ है। हरीश कुमार ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के द्वारा उनका लगातार शोषण किया गया। लेकिन वर्तमान की कांग्रेस सरकार द्वारा 2 माह के भीतर ही उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस प्रकार का शोषण अंग्रेजों के समय में भी लोगों के साथ नहीं हुआ था। कोरोना काल में भी इन कर्मचारियों द्वारा विभाग को सेवाएं दी गई हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से उन्हें जलशक्ति विभाग में ही रखने, 6 घंटे की डयूटी को 8 घंटे करने और वेतमान का भुगतान करने की मांग की है।