यमुनानगर में शिक्षा मंत्री के घर पर पंचायत करने के लिए पहुंचे किसान यहा वीरवार को काफी गुस्से में थे तो वही रात होते होते किसान के तेवर नरम पड़ते दिखाई दिए। किसानों द्वारा उनके वहाँ पंचायत करने पर पहले ही किसानों के खाने की व्यवस्था करने के लिए शिक्षा मंन्त्री और जहाँ भी प्रदेश में किसानों की पंचायत थी उन सभी जगहों पर ये व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया था।जगाधरी में शिक्षा मंन्त्री के न होते हुए उनके बेटे ने किसानों की मेहमान नवाजी की और कहा कि हम भी किसान है।वही शिक्षा मंत्री की तरफ से किसानों के लिए विशेष पकवान बनाए गए और किसान भी इन पकवानों का खूब आनंद लेते हुए नजर आए।किसान नेताओ ने कहा कि जहाँ जहाँ उनके लिए व्यवस्था नही की गई वहाँ वहाँ उन नेताओं के आज शाम दो दिवसीय पंचायत खत्म होने पर पुतले जलाए जाएंगे लेकिन यमुनानगर में कोई पुतला नही जलाया जाएगा।
यमुनानगर में शिक्षा मंत्री से किसान के पंचायत करने के लिए पहुचे लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने शिक्षा मंत्री के निवास स्थान के एक आसपास पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था क्योंकि किसान शिक्षा मंत्री के निवास स्थान पर ही जाकर बैठने वाले थे लेकिन किसानों ने वही सडक पर ही बैठ कर धरना देना शुरू कर दिया हालकि उस समय किसान काफी उग्र हो गए थे लेकिन गर्मी और धूप को देखते हुए शिक्षा मंत्री के बेटे ने किसानों के लिए टेंट लगवा दिए और रात को उचित खाने का बंदोबस्त का प्रबंध भी करवा कर शिक्षा मंत्री कंवरपाल के बेटे और जिलाध्यक्ष किसानों के बीच पहुंचे और उनके हालात के बारे में जानकारी भी ली लेकिन उसके बाद ही किसानों के लिए शिक्षा मंत्री की तरफ से खाने का विशेष बंदोबस्त कर दिया रात को ही किसानों के लिए मटर पनीर के साथ साथ काजू बदाम का हलवा भी बनवाया गया जबकि सुबह होने पर हलवा पूरी और आलू के परांठे भी बनवाए गए जबकि दोपहर को भी अच्छे खाने का बंदोबस्त किया गया जिसको देख कर किसान काफी खुश नजर आ रहे है।वही किसानों ने साफ कर दिया है कि जल्द ही सरकार ने उनकी नही सुनी तो जल्द ही एक नए आंदोलन का बिगुल किसान बजायेंगे।
शिक्षा मंत्री भले ही जिले में न हो लेकिन उन्होंने किसानों के लिए उचित बंदोबस्त करवा कर उन्हे हर सुविधा देने की बात कही है। जिसको लेकर किसान भी काफी खुश नजर आ रहे है ।और जबकि शिक्षा मंत्री के बेटे निश्चल चौधरी ने भी साफ कहा कि वह भी किसान परिवार से संबंध रखते है और वह उनकी हर बात को उपर तक पहुंचाएंगे। शिक्षा मंत्री के आने के बाद उनसे बात की जाएगी और विधानसभा के विशेष सत्र बुलवाकर किसानों की बात उसने रखने के लिए कहेंगे जोकि किसानों ने उन्हे कहा है।