चंडीगढ़ के पीजीआई नेहरू अस्पताल में आग लगने के कारण मरीजों के बीच हड़कंप मच गया। आग लगने की वजह हॉसिपटल में सारे कंप्यूटर सिस्टम खराब हो गए। आग के कारण हर जगह धुंआ-धुंआ हो गया। जिस वजह से धुंआ इमरजेंसी आईसीयू तक पहुंच गया।
हॉस्पिटल में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। मामले की सूचना मिलते ही हॉस्पिटल के सभी सिक्योरिटी गार्ड इमरजेंसी को आने वाले सभी रास्तों को बंद करने में लग गए। आग कारण हॉसिपटल के इमरजेंसी वार्ड, महिला वार्ड, पुरुष वार्ड और गायनी वार्ड में चारो ओर धुंआ फैल गया।
आग को देखते हुए बी, सी ब्लॉक को जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया। जिस जगह आग लगी वहा तीन महीने से तीन वर्षीय बच्चे उपचाराधीन है। हालांकि, शीशे तोड़कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा हैं।
वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में भर्ती सभी मरीज और उनके तीमारदारों को आग लगने के कारण सांस लेने में परेशानी होने लगी। नमरीज की आंखों में जलन हो रही है। जिसके बाद सभी मरीजों को दूसरी जगह पर शिफ्ट भी किया। आगे देखते-देखते बढ़ती जा रही थी ,जिसके बाद फायर विभाग को देर रात 12.22 पर आग लगने की सूचना मिली। पीजीआई के अंदरूनी फायर स्टेशन से आग काबू नहीं पाया गया तो चंडीगढ़ के फायर स्टेशन को सूचना देकर फायर टेंडर मंगवाएं गए। जहा, सेक्टर 17 समेत कई स्टेशन से फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां भेजी गई। आग को काबू किया जाना काफी मुश्किल हो रहा था। वही, दो बजे तक आग पर काबू पाने का काम चलता रहा।
आग पर काबू पा लिया गया है लेकिन आग पर काबू पाने के बाद बिल्डिंग में धुआं बहुत ज्यादा फैला है। जिस कारण कई लोगों से दम घुटने की जानकारी भी मिली है। हालांकि, गनीमत रही कि इस घटना में किसी के भी हताहत होने की सूचना अभी नहीं है। नेहरू अस्पताल के सभी ब्लॉक से मरीजों को तेजी से शिफ्ट किया जा रहा है। गर्भवती और प्रसूता को भी दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया है।
आग बुझाने में जुटे दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने की लिए बहुत कोशिश करनी पड़ी। हालत यह थी कि वार्डों की खिड़कियों के शीशे तोड़कर आग बुझाई गई। बताया जाता है कि आग इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही थी और उसपर काबू पाना काफी मुश्किल हो रहा था। जिस कारण आग को बुझाने के लिए पंचकूला और मोहाली से भी दमकल की गाड़िया को मंगवाया गया। हालांकि, अब हालात नियंत्रित हैं और आग पर भी काबू पा लिया गया।