चंडीगढ़, इंडियन एसोसिएशन ऑफ गाइनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपिस्ट्स (आईएजीई) पंजाब चैप्टर के सहयोग से गाइनेकोलॉजिकल मिनिमल एक्सेस सर्जरी (जीवाईएन-एमएएस) पर दो दिवसीय चौथा वार्षिक सम्मेलन रविवार को होटल मैरियट, सेक्टर 35 में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन गाइनी-लेप्रोस्कोपी में नई तकनीकों को उजागर करने के लिए किया गया था, जिसमें संबंधित विषय पर विचार-मंथन करने के लिए देश के कोने-कोने से लगभग 300 विशेषज्ञ डॉक्टर और सर्जन एकत्रित हुए थे। डॉ. अजय अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित इस सम्मेलन में विशेषज्ञों ने सत्रों, कार्यशालाओं और पैनल चर्चाओं के माध्यम से स्त्री रोग के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त की। प्रसिद्ध विशेषज्ञों और क्षेत्र के अन्य दिग्गजों ने अपने शोध निष्कर्ष, अनुभव और शोध पत्र प्रस्तुत किए। विशेषज्ञों की राय थी कि वर्तमान परिदृश्य में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जो एक आधुनिक तकनीक है और सुरक्षा की दृष्टि से भी प्राकृतिक प्रसव के मामलों के बजाय उपयोग की जानी चाहिए। आयोजक डॉ. अजय अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के मंच के माध्यम से डॉक्टर समुदाय सामूहिक रूप से ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ा सकता है और गाइन-लैप्रोस्कोपी के भविष्य को आकार दे सकता है।
