सफीदों के विधायक में कैथल कांग्रेस के प्रभारी सुभाष गांगौली ने कहा कि सच्चाई पूछने के कारण राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द की गई है।राहुल गांधी ने संसद में प्रश्न पूछा था कि शेल कंपनियों के जरिए हजारों करोड़ रुपये का विदेशी पैसा अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट किया गया।
इसमें से कुछ भारत के डिफेंस सेक्टर में भी एक्टिव हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रश्न पूछा था, लेकिन जवाब देने के लिए चार मंत्री आ गए। प्रधानमंत्री की इसी नाराजगी के कारण राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द की गई। वे यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे।
सुभाष गांगौली ने कहा इसलिए अब कांग्रेस राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने के बाद राजनीतिक और कानूनी दोनों ही तरीकों से लड़ाई लड़ेगी। महज एक महीने में ही ट्रायल कोर्ट में केस चला दिया जाता है। वहीं, कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के भीतर ही सदस्यता रद की जाती है। जबकि उस दौरान राहुल गांधी संसद में होते हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ने केवल अडानी जैसे बड़े व्यापारियों को ही फायदा देने का कार्य पिछले नौ सालों में किया है।
जबकि कांग्रेस ने हमेशा ही देश का विकास करने की दिशा में कदम उठाया है। गंगोली ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने के फैसले के विरोध में कांग्रेस ने फिर से सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया है। न्याय को लेकर कांग्रेस लगातार प्रयास करेगी। यदि कांग्रेस को प्रदर्शन करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेगी। अभी कानूनी रुप से लड़ाई पार्टी की तरफ से लड़ी जा रही है। इस मौके पर अनिल शोरेवाला, सुधीर मेहता,पूर्व मंत्री सुल्तान जडौला, कंवरपाल करोड़ा मौजूद थे।