Breaking News

राजकीय स्कूल अब निजी को टक्कर देने के लिए तैयार

कई राजकीय स्कूल अब निजी को टक्कर देने के लिए लगभग तैयार हैं। जिले के कई सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कैमरे लगाए जा चुके हैं। इन स्कूलों में शामिल है सबापुर का सरकारी स्कूल। यहां हर क्लास में सीसीटीवी लगे हैं। ये कैमरे प्रिंसिपल रविंद्र राणा ने अपने जेब से पैसे खर्च कर लगवाए हैं। कैमरों की निगरानी में स्मार्ट बोर्ड पर शिक्षक से विद्यार्थी सवाल समझते हैं।
प्रिंसिपल रविंद्र राणा अपने कार्यालय से क्लास रूम की मॉनिटरिंग भी करते हैं। राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक हजार के करीब विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। प्रिंसिपल रविंद्र राणा ने बताया कि अक्सर बच्चों के आपस में झगड़ने की शिकायत मिलती रहती थी। साथ ही जानकारी में आया था कि कुछ क्लास ऐसी भी हैं, जहां पर पढ़ाई ठीक से नहीं कराई जा रही। इस पर उन्होंने स्कूल के हर क्लास रूम में सीसीटीवी लगवाने का निर्णय लिया। इसके लिए सरकारी बजट नहीं। अपनी जेब के पैसे का यूज किया। अपने खर्च पर 16 सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। इसका होल्ड अपने कार्यालय में रखा हुआ है। अपने कार्यालय से ही स्कूल के प्रवेश द्वार से लेकर कमरों के अंदर तक निगरानी रखते हैं।

अगर डीईओ की मीटिंग या किसी स्कूल में निरीक्षण के लिए गए हैं। तभी उनको चिंता नहीं रहती। क्याेंकि वापस आकर कैमरे चेक कर लेते हैं। कैमरे पहले लगवा दिए गए थे। बाद में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल में स्मार्ट बोर्ड भेजे गए। इनका शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों को फायदा है। शिक्षकों को जहां चाैक नहीं घिसने पड़ते वहीं स्टूडेंट्स को समझने में परेशानी नहीं आती।

सभी टीचर बिजी हों तो प्रिंसिपल क्लास भी लेते हैं
स्मार्ट बोर्ड पर काम करने के लिए स्कूल का स्टाफ प्रशिक्षित है। कई बार क्लास रूम में शिक्षक नहीं होता। जिस पर वे कैमरे में देखकर संबंधित क्लास में शिक्षक की व्यवस्था करा देते हैं। अगर सभी शिक्षक क्लास में बिजी हाें ताे खुद क्लास लेने पहुंच जाते हैं। उनका कहना है कि अभिभावकों को निजी स्कूलों की भारी फीस से बचने के लिए अपने बच्चों को सरकारी में एडमिशन कराना चाहिए।

सरकारी स्कूलों में अब सुधार हो चुका है। प्रशिक्षित स्टाफ उनके बच्चों को पढ़ाई कराएगा। इसके अलावा सरकार ने और भी सुविधाएं दी हुई हैं। इनका लाभ लेने के लिए सरकारी में एडमिशन होना जरूरी है। डीईओ वीके कौशिक ने पेरेंट्स से अपील की है कि वे अपने बच्चों का दाखिला सरकारी में कराएं। यहां उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।

About ANV News

Check Also

मानवता की मिसाल: तीन बच्चों की गुमशुदा “गर्भवती” मां को परिवार से मिलवाया

प्रदेश के सभी जिलों में स्थापित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स बिछड़े लोगों को मिलाने का …

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Share