चंडीगढ़ 11 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 12 मार्च को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में आयोजित किए जा रहे ‘हरियाणा कृषि विकास मेला-2023’ के अंतिम दिन बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे।
मुख्यमंत्री का कहना है कि किसान देश की रीढ़ की हड्डी के समान हैं, वे खून-पसीना एक कर देश की प्रगति में अपना योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक विकास में हरियाणा के किसानों का उल्लेखनीय योगदान है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में कई योजनाएं लागू की हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। साथ ही, उनकी समृद्धि के द्वार भी खुले हैं। पिछले दो वर्षों में, सरकार ने कृषि क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लिए 428 करोड़ रुपये के अलावा किसानों की फसलों की खरीद के 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में जमा करवाई है।
प्रदेश में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर 9 लाख से अधिक किसान नियमित रूप से पंजीकरण कराते हैं । मेरी फसल-मेरा ब्यौरा को व्यापक रूप से अपनाने के कारण ही राज्य की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे मेरा पानी-मेरी विरासत, धान के बीज से सीधी बिजाई व भावांतर भरपाई योजना आदि में लाभ सीधा किसानों के खाते में भेजना संभव हो पाया है।
राज्य में गत वर्ष विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से प्राकृतिक खेती पर एक नई योजना की शुरुआत की गई। यह एक छोटी सी लेकिन उल्लेखनीय शुरुआत है। वर्ष 2023-24 में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए 20 हजार एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है जो प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25000 रुपए अनुदान, 20000 रुपए प्रमाणीकरण, विपणन व प्रसंस्करण के लिए किसानों को सहायता प्रदान कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा को भारत का अन्न का प्याला कहा जाता है और राज्य देश के केंद्रीय पूल में 26 प्रतिशत गेहूं और 8 प्रतिशत चावल का योगदान दे रहा है। कृषि और संबद्ध गतिविधियों का राज्य की अर्थव्यवस्था में 18.5 प्रतिशत योगदान है। हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जो किसानों को 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देता है।