हाई टेक बन, अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है हरियाणा पुलिस
सीसीटीएनएस के कार्यान्वयन में प्रथम रैंक से सम्मानित हो चुकी है प्रदेश पुलिस
आधुनिक पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में प्रदेश पुलिस ने कार्य करते हुए केंद्र सरकार के बहुप्रतीक्षित परियोजना को लागू किया है। इसे प्रदेश पुलिस को हाई टेक बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा लागू इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) परियोजना को गृह मंत्रालय के जरिए पुरे देश में कार्यान्वित किया गया है जिसपर प्रदेश पुलिस आधुनिक पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की परियोजना को केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में प्रदेश में लागू किया गया है। जानकारी देते हुए आगे बताया कि प्रदेश पुलिस ICJS परियोजना का उपयोग करते हुए प्रदेश पुलिस 45 वाहन को ट्रेस करने में, 67 उद्धघोषित अपराधियों व बेल जम्पर और 02 मोस्ट वांटेड अपराधियों को ढूंढने में सफलता प्राप्त की है। इसके अलावा उक्त डेटा पर ही 4 एफआईआर भी प्रदेश में दर्ज की गई है।
एक डेटा, एक एंट्री के सिद्धांत पर करता है सॉफ्टवेयर कार्य
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की ICJS परियोजना यानी के इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के पहले चरण में अलग-अलग आईटी सिस्टम को लागू और व्यवस्थित किया गया है और इन सिस्टम को रिकॉर्ड को सर्च करने में भी सक्षम बनाया गया है। वहीं चरण- II के तहत इस सिस्टम को ‘एक डेटा, एक एंट्री’ के सिद्धांत पर तैयार किया गया है, जिसके तहत डेटा केवल एक कॉलम में केवल एक बार दर्ज किया जाता है और फिर वही डेटा अन्य सभी कॉलम में दर्ज हो जाता है। इसके लिए प्रत्येक कॉलम में डेटा की फिर से एंट्री करने की जरूरत नहीं होती है।
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पर है प्रदेश में परियोजना के कार्यान्वन की ज़िम्मेदारी
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो निदेशक ओ पी सिंह, आईपीएस ने बताया कि आईसीजेएस सिस्टम को हाई स्पीड कनेक्टिविटी के साथ एक डेडिकेटिड और सिक्योर्ड क्लाउड बेस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) पर है। इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम मुख्य आईटी सिस्टम के एकीकरण के लिए एक राष्ट्रीय प्लेटफार्म है, जिसका इस्तमेला पांच कॉलम के जरिए से देश मेंआपराधिक न्याय को लागू करने के लिए किया जाता है। पुलिस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग और नेटवर्क प्रणाली), फॉरेंसिक लैब के लिए ई-फॉरेंसिक, न्यायालयों के लिए ई-कोर्ट, लोक अभियोजकों के लिए ई-प्रॉसीक्यूशन, जेलों के लिए ई-जेल। इस साफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश पुलिस जेलो मे बन्द अपराधियो का पूर्ण रिकार्ड रहता है। उपरोक्त सॉफ्टवेयर में अपराधी का नाम व अन्य सुचना की एंट्री करने से, यदि किसी अन्य राज्य में उसकी स्थिति है तो तभी अपडेट हो जाती है। उक्त सुचना के आधार पर अनुसंधानिक अधिकारी आगामी कार्यवाही कर सकते है। कई बार ऐसा देखा गया है कि एक अपराधी कई राज्यों में वांछित होता है और किसी अन्य राज्य में जेल में बंद होता है। ऐसी स्थिति में इस सॉफ्टवेयर पर जो डाटा बेस उपलब्ध है उसकी सहायता से अपराधियों की वर्तमान लोकेशन को ढूंढा जा सकता है। इसके अलावा, साफ्टवेयर के माध्यम से चोरी हुए वाहनो का पता लगा सकते है। जैसे आगे जानकारी देते हुए बताया कि जिला रेवाडी द्वारा ICJS साफ्टवेयर पर कार्य करते हुए कुल 14 उद्धघोषित अपराधी व बेल जम्पर सर्च किए है। जो सभी पी.ओ./बेल जम्पर जिला रेवाडी के विभिन्न थानो मे दर्ज अभियोगो मे वाछिंत चल रहे थे। उपरोक्त पी.ओ./बेल जम्परो का पता लगने उपरान्त सम्बधित थाना प्रबधंक दवारा प्रौडैक्शन वारंट जारी करवाकर आगामी कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त गुरुग्राम जिले ने 23 उद्धघोषित अपराधी व बेल जम्पर सर्च किए है वहीं हांसी जिले ने 14 उद्धघोषित अपराधी व बेल जम्पर ढूंढने में सफलता हासिल की है। इसके अतिरिक्त इसी प्रकार रेवाड़ी जिले ने विभिन्न थानो से चारी हुई कुल 11 मोटरसाईकिलो , हिसार व हांसी ने 7 वाहन व रोहतक ने 9 वाहन का पता लगाने मे भी सफलता प्राप्त की है।
सीसीटीएनएस के कार्यान्वयन में प्रथम रैंक से सम्मानित हो चुकी है प्रदेश पुलिस
जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया की नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा सीसीटीएनएस/इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) में अच्छी प्रथाओं पर एक वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। उक्त सम्मलेन में हरियाणा पुलिस ने इंटर-ऑपरेशनल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) परियोजना के सर्वश्रेष्ठ क्रियान्वयन की श्रेणी में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया। अच्छी प्रथाओं का प्रसार करने के लिए व सीसीटीएनएस और आईसीजेएस परियोजनाओं को बेहतरीन तरीके से लागू करने व राज्यों द्वारा बेहतर प्रणाली के प्रचार – प्रसार के लिए व उनके द्वारा किये जा रहे निरंतर प्रयासों को मान्यता देने के सम्मलेन आयोजित किया गया था। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में लगभग 117 एफएसएल और सीएफएसएल के प्रदर्शन का मूल्यांकन एनसीआरबी द्वारा परिभाषित मापदंडों पर किया गया था, जिसमें हरियाणा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर्ता के रूप में प्रथम स्थान पर रहा। पूरे वर्ष प्रगति डैशबोर्ड पर लगातार 20 से अधिक मापदंडों पर प्रदेश प्रथम स्थान बना रहा। जैसा कि विदित है हरियाणा पुलिस की ओर से करनाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सतिंदर कुमार गुप्ता और पानीपत के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने केंद्रीय गृह सचिव से पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त हरियाणा पुलिस के तीन कर्मचारियों को सीसीटीएनएस और आईसीजेएस में सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कार मिला है। इनमें पुलिस जिला हांसी से एसआई जगमोहन, एससीआरबी हरियाणा से एएसआई योगेश कुमार और जिला सोनीपत से एएसआई कुलदीप सिंह शामिल हैं।