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खुद अपने पैसों से कर रहे हैं गरीब बच्चों की आर्थिक मदद –

(रितेश चौहान)- एक शिक्षक का समाज को बनाने में सबसे ज्यादा अहम योगदान रहता है कुछ लोग इसे मत अपनी रोजी-रोटी समझ कर अपना सेवाकाल पूरा कर लेते हैं परंतु कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना जीवन और अपनी सैलरी तक दूसरों को बनाने के लिए समर्पित कर दी है ऐसे ही शिक्षाविद है राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भराड़ी (सजाओ पिपलू) मैं कार्यरत प्रिंसिपल भोला दत्त कश्यप जिन्होंने स्कूल में पढाई कर रहे बच्चों के माता-पिता की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा है! परिवार में आर्थिक साधनों की कमी के कारण ऐसे बच्चों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानाचार्य समाज के साधन संपन्न व समाज हित में कार्य करने वाले लोगों से समय-समय पर विशेष सहयोग लेते रहते हैं बल्कि अपनी सैलरी का एक हिस्सा गरीब बच्चों के लिए खर्च करते हैं यही नहीं कश्यप द्वारा पूर्व में पढ़ाए अपने उन छात्रों जो आज समाज में बहुत बडा मुकाम हासिल कर चुके हैं इन प्रतिष्ठित छात्रों से करीब 8 लाख रुपये की राशि एकत्रित की हैं जिसे विद्यालय के विकास में खर्च किया जा रहा हैं.

प्रधानाचार्य की स्कूल के प्रति समर्पण भावना का पता जब इनके समाजसेवी व प्रतिष्ठित एनजीओ के प्रबंध निदेशक शिष्य को चला तो उनके सहयोग से विद्यालय के सभी 285 बच्चों को ट्रैक सूट व शूज बंटवाए थे इतना ही नहीं विद्यालय विकास निधी में प्रधानाचार्य भोला दत कश्यप स्कूल के मेधावी गरीब बच्चों को समय-समय पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करते रहते हैं ताकि यह छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना सके उन्होने बीते दिन स्कूल में पढ़ाई कर रहे उन अति निर्धन परिवारों के 11बच्चों को गर्म कपड़े व जूते बांटे ये सभी बच्चे पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों व अनुशासन में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

पिछले वर्ष कोविड काल के दौरान जब सरकार ने ऑनलाइन पढाई शुरु की तो स्कूल के दो निर्धन बच्चो के परिवार के पास फोन खरीदने के पैसे नहीं थे प्रधानाचार्य ने इन दोनो विद्यार्थियों को महंगे एंड्रॉयड फोन खरीद के दिए थे ताकि ये विद्यार्थी भी आनलाइन पढ़ाई कर सके स्कूल प्रबंधन समिति की प्रधान रक्षा देवी व सभी अभिभावकों ने प्रधानाचार्य के इस कार्य की खूब प्रशंसा की है और कहा कि प्रधानाचार्य द्वारा विद्यालय में पढ़ाई के उत्कृष्ट स्तर को बेहतर बनाने के लिए समर्पण भाव से काम किया जा रहा है यह इस बात से भी साफ होता है कि प्रधानाचार्य ने पिछले चार वर्षों से विद्यालय से कोई भी छुट्टी नहीं ली है.

कोरोना के कारण पिछले साल जहां लोग घरों में दुबके रहे थे प्रिंसिपल भोला दत्त कश्यप ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए अपने स्टाफ और एसएमसी के सहयोग से सज्याओ पीपलू जो धर्मपुर क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत है में आस-पास के तीन चार गावों का एक सेंटर बना कर कुल सात परीक्षा सेंटर बनाकर बच्चों के एग्जाम करवाए थे ,जो कि देश भर में एक मिसाल बनी थी.

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