हिमाचल प्रदेश में बारिश से पूरे राज्य का हाल-बेहाल हो रखा हैं. वही, अब राज्य में तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के कई क्षेत्रों में 20 और 21 अग्रस्त को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। तो वही, 22 अगस्त के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। शनिवार को ऑरेंज अलर्ट के बीच राजधानी शिमला में दोपहर बाद बादल झमाझम बरसे। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम मिलाजुला रहा। राज्य के कई भागों में 25 अगस्त को मौसम खराब रहने के आसार नज़र आ रहे हैं। (Himachal news)
समरहिल में मिला एक और शव, कृष्णानगर में कई घर खाली करवाए
राजधानी शिमला के समरहिल क्षेत्र में शिव बावड़ी मंदिर में हुए भूस्खलन के बाद शवों का मिलना जारी है। तलाशी अभियान के छठे दिन मलबे से एक और शव बरामद हुआ हैं| मृतक की पहचान ईश शर्मा पुत्र पीएल शर्मा के तौर पर हुई है। ईश के पिता प्रो. पीएल शर्मा और मां रेखा के शव पहले ही मिल चुके हैं। अब हादसे में मृतकों की संख्या 17 पहुंच गई है। हालांकि, चार लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं और सेना द्वारा उनकी भी तलाश जारी हैं. वहीं शिमला के पुराने बस अड्डे से नीचे स्थित कृष्णानगर वार्ड में कई घर खाली करवाए गए हैं।
राज्य में 562 सड़कें ठप
प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे समेत 562 सड़कें शनिवार शाम तक ठप रहीं। 253 बिजली ट्रांसफार्मर और 107 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं। शनिवार को चंडीगढ़-मनाली एनएच को मंडी से पंडोह तक छोटे वाहनों के लिए बहाल किया गया। पंडोह से आगे वाहनों की आवाजाही बंद रखी गई है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग 32 मील के पास भारी दलदल के कारण सुबह 5:00 से 10:00 बजे तक बंद रहा। औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 शनिवार सुबह 7:00 बजे बंद हो गया। दोपहर बाद हाईवे को अस्थायी तौर पर छोटे वाहनों के लिए खोला गया। शिमला-धर्मशाला एनएच बिलासपुर एम्स के समीप शनिवार सुबह 8:00 से 11:00 बजे तक बंद रहा। हालांकि, बारिश के कारण पहाड़ो के गिरने का खतरा बना हुआ हैं. जिस कारण लोगों को काफी परेशानियों करना पड़ रहा हैं| (Himachal news)
मानसून में अब तक 338 की मौत
इस साल मानसून सीजन में 24 जून से 19 अगस्त तक 338 लोगो की जान जा चुकी हैं और अन्य 323 घायल हुए हैं। 2173 घर ढह गए हैं और 9721 को आंशिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा 298 दुकानें 4571 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। राज्य में 8075.44 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 113 और अचानक बाढ़ की 58 घटनाएं सामने आई हैं।
दिन-रात बिजली आपूर्ति बहाली में जुटे हैं कर्मी : अनुराग
बिजली बोर्ड के अतिरिक्त निदेशक (लोक संपर्क) अनुराग पराशर ने कहा कि पूरे प्रदेश में 33केवी, 11केवी, एलटी नेटवर्क और विद्युत तार और खंभों का अत्यधिक नुकसान हुआ है। 13 और 14 अगस्त 2023 की मध्यरात्रि को शिमला और आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश के कारण एचटी और एलटी लाइनों, खंभों और ट्रांसफार्मर पर पेड़ गिरने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा। लगातार बारिश के कारण एक ही दिन में 500 से अधिक ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बारिश, भूस्खलन और गिरे हुए पेड़ों से हुए नुकसान की बहाली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तुरंत कार्रवाई की। दिन-रात सेवाएं देकर बिजली आपूर्ति को कर्मचारियों ने बहाल किया। अधिकतर क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति को बहाल कर दिया है। (Himachal news)
भूस्खलन से उद्योग भवन पर खतरा, दफ्तर शिफ्ट करने के निर्देश
मजीठा हाउस स्थित उद्योग भवन को भूस्खलन के बाद खतरा पैदा हो गया है। इस कार्यालय में 150 से अधिक कर्मी सेवाएं देते हैं। शनिवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भवन का निरीक्षण किया। भवन के तीन पिल्लर बाहर आ गए हैं। मंत्री ने विभाग को खतरा मोल न लेने और सुरक्षित स्थान पर कार्यालय शिफ्ट करने के निर्देश दिए। चौहान ने बताया कि भवन के बाहर तिरपाल लगाए हैं लेकिन मौजूदा समय में भवन पूरी तरह खतरे में है। कार्यालय के लिए सरकारी या निजी भवन तलाशने के निर्देश दिए हैं ताकि समय रहते कार्यालय शिफ्ट हो जाए। हालांकि, प्रदेश में बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ हैं|