हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से तबाही मची हुई हैं. इस भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में भारी नुक्सान के साथ-साथ लोगों की भी जान चली गई. इस बार मानसून सीजन में प्रदेश में भूस्खलन, बाढ़ और बदल फटने से काफी नुक्सान हुआ हैं. वही अब प्रदेश के सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में भूस्खलन से सैरी खड्ड का बहाव रुकने से एक झील बन गई है। अभी इसका आकार छोटा है, लेकिन स्थिति ऐसी ही रही तो बड़ी झील बनने से नालागढ़ शहर को इससे काफी खतरा हो सकता है। सोमवार को लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने पानी की निकासी का प्रयास किया, लेकिन JCB भी खड्डे तक नहीं पहुंच पाई। (Himachal Landslide)
15 मीटर गहरी झील बन गई
शुक्रवार को नालागढ़-रामशहर मार्ग पर भूस्खलन होने से मलबा सैरी खड्डे में जा गिरा था। अब यहां पांच मीटर लंबी व करीब 15 मीटर गहरी झील बन गई है। अगर एकदम पानी छूटा तो नालागढ़ शहर में काफी नुकसान हो सकता है। यह झील इतनी गहरी हैं कि इसमें JCB भी नहीं पहुंच पाया| लोक निर्माण विभाग के अधीशाषी अभियंता प्रबर सिंह का कहना है कि पानी की निकासी का प्रयास किया जा रहा है। खड्डे का जलस्तर कम होते ही कर्मचारियों को काम पर लगा दिया जाएगा।
प्रदेश में अब तक 8642.83 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं, प्रदेश में सोमवार को दिन की शुरुआत खिली धूप से होने के बाद करीब 11 बजे कई स्थानों पर हल्की बारिश हुई। बिलासपुर के बरठीं में छह, शिमला व ऊना में पांच-पांच मिलीमीटर और डलहौजी में चार मिलीमीटर बारिश दर्ज़ की गई हैं। अब प्रदेश में रात को ठंड महसूस होने लगी है। (Himachal Landslide)
मौसम विभाग के अनुसार अभी कुछ दिन मौसम साफ रहने और धूप खिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। एक-दो स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई है| प्रदेश में अभी तीन NH समेत 348 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इन्हें खोलने के प्रयास किया जा रहा हैं। मंडी जोन में 155, शिमला में 86, कांगड़ा में 55, हमीरपुर जोन में 49 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में अब तक 8642.83 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। हालांकि, CM सुक्खू अपनी तरफ से प्रदेश को और प्रदेशवासियों के लिए हर संभव चीज़ करने की कोशिश में लगे हैं|