पंजाब के बाद अब देवभूमि हिमाचल में आई आपदा केंद्र शासित प्रदेश लेह लद्दाख के विकास पर भी भारी पड़ रही है। इससे पहले हिमाचल में आई आपदा के कारण पंजाब के कई जिलों में बाढ़ से काफी नुक्सान हुआ हैं. बाढ़ के कारण किसानों की फसले भी ख़राब हुई. वही, हिमाचल में बादल फटने व भूस्खलन से कीरतपुर मनाली फोरलेन मंडी जिले के छह मील और पंडोह कैंची मोड़ पर पिछले 15 दिनों से बंद है। दोनों स्थानों पर फोरलेन का नामोनिशान मिट गया है. जिस कारण निर्माण सामग्री की खेप लेकर जा रहे हज़ारों ट्रक रास्ते में फंसे हुए हैं| सरिया,सीमेंट व कोलतार की आपूर्ति ठप होने से कंस्ट्रक्शन कंपनियों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई है। इस कारण लेह हवाई अड्डे के रनवे ,तांग्से व अघम से चीन सीमा तक बन रहे सड़क मार्गों का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा हैं| (Himachal Landslide)
तांग्से से चीन सीमा तक 22 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण हो रहा है। दोनों सड़कें सीमेंट व कोलतार से बन रही है। लेह हवाई अड्डे के रनवे का काम गुजरात की दिनेश चंद्रा अग्रवाल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी कर रही है। रनवे निर्माण में प्रतिदिन 2200 बैग सीमेंट की खपत होती है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग व निजी निर्माण कार्य पर भी रोक लग गई है। जिस कारण लेह हवाई अड्डे के रनवे ,तांग्से व अघम से चीन सीमा तक बन रहे सड़क मार्गों का काम भी प्रभावित हो रहा हैं|
हिमाचल की एसीसी व अंबुजा कंपनी से सीमेंट की आपूर्ति
लेह लद्दाख के लिए निर्माण सामग्री की ढुलाई पिछले कई सालों से सुंदरनगर की जेएस कार्गो कंपनी करती है। सीमेंट की आपूर्ति एसीएसी बरमाणा व दाडलाघाट की अंबुजा कंपनी कर रही है। कोलतार सुंदरनगर व हरियाणा के पानीपत तथा सरिया कोलकाता से आ रहा है। सरिया,सीमेंट व कोलतार की खेप लेकर करीब 200 ट्रक हर रोज लेह लद्दाख को जा रहे थे। लेकिन हिमाचल में आई आपदा के कारण सड़क निर्माण कार्य भी ठप हो चुका हैं| (Himachal Landslide)
20 मई से शुरु हुई थी सप्लाई
लेह लद्दाख के लिए निर्माण सामग्री व पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति 20 मई से शुरु हुई थी। 30 अक्टूबर तक ढुलाई का काम चलता है। उसके बाद हिमपात होने से मनाली लेह मार्ग बंद हो जाता है। सर्दी के लिए खाद्यान्न व पेट्रोलियम पदार्थों का भंडारण होता है। लेह लद्दाख में सड़क मार्ग मार्च में खुल जाते हैं। निर्माण कार्य गति पकड़ लेते हैं। इन दिनों जो निर्माण सामग्री का भंडारण किया होता है। मार्च से मई तक उसी से काम चलता है। लेकिन इस बार वह काम भी ठप हो चुका हैं|
मामला लेह मार्ग से ढुलाई सस्ती
निर्माण सामग्री की ढुलाई मनाली लेह मार्ग से सस्ती पड़ती है। ट्रक में सामग्री पहुंचाने में तीन दिन का समय लगता है। बरमाणा से लेह एक सीमेंट का बैग भेजने का किराया 215 रुपये है। श्रीनगर से किराया 315 रुपये है। वहां से लेह सामग्री पहुंचाने में पांच से छह दिन लगते हैं। (Himachal Landslide)
आपदा से ढुलाई का एक माह बर्बाद
नौ जुलाई को ब्यास नदी में आई बाढ़ से कीरतपुर मनाली फोरलेन मनाली में 15 दिन बाधित रहा था। अब छह मील व कैंची मोड़ में भूस्खलन के कारण 10 अगस्त से बंद है। जिस कारण ढुलाई का एक माह बर्बाद हो चुका हैं|
मालवाहक खड़े करने को कम पड़ गई मंडी की सड़कें
फोरलेन बंद होने से मालवाहक खड़े करने के लिए मंडी जिले की मुख्य सड़कें कम पड़ गई हैं। सुंदरनगर व अन्य स्थानों पर वाहन रोकने के लिए 70 पुलिस जवान ड्यूटी पर लगाए गए हैं। अब मालवाहकों को बिलासपुर में नाका लगा रोका जा रहा है। (Himachal Landslide)
सर्वजीत सिंह, सीईओ जेएस कार्गो सुंदरनगर का कहना है कि, कीरतपुर मनाली फोरलेन बंद होने से लेह लद्दाख के लिए सीमेंट सरिया व कोलतार की आपूर्ति पिछले 15 दिन से नहीं हो रही है। निर्माण सामग्री से भरे हजारों ट्रक जगह जगह फंसे हुए हैं। लेह से आए खाली ट्रक मनाली में अटके हैं। निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं। जिस कारण निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहा हैं|
सागर चंद्र शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंडी का कहना है कि, मालवाहकों को खड़ा करने के लिए मंडी की सड़कें कम पड़ गई हैं। अब उन्हेंं बिलासपुर में रोका जा रहा है। हिमाचल में आई इस आपदा से पंजाब के बाद अब लेह-लद्दाख में भी काफी नुक्सान हो रहा हैं| (Himachal Landslide)