मनाली। बारालाचा और शिंकुला दर्रों में बादल छा जाने से हिमपात की आशंका बढ़ गई है। मनाली से लेह व जंस्कार के लिए वाहन चल रहे हैं लेकिन हिमपात हुआ तो वाहनों की आवाजाही बंद हो सकती है। प्रशासन ने पर्यटकों को सलाह दी है कि मनाली-लेह मार्ग पर यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी ले लें। अगले कुछ दिन हिमपात की संभावना जताई गई है। दर्रों पर वाहन चलाते समय हिमपात हो गया तो मुश्किल बढ़ सकती है। ठंड बढ़ने और हिमपात की संभावना को देखते हुए सीमा सड़क संगठन सरचू से अपना अस्थायी शिविर हटाने की तैयारी में है।
यह शिविर 15 नवंबर तक बंद कर दिया जाएगा। बीआरओ की माने तो अब दर्रों में पानी जमने लगा है। मौसम व समय को देखते हुए अब बीआरओ भी काम समेटने जा रहा है। उनकी माने तो बारालाचा होते हुए तो लेह मार्ग बन्द हो जाएगा, लेकिन शिंकुला होते हुए सर्दियों में भी लाहुल घाटी को जंस्कार होते हुए लेह से जोड़ने का प्रयास रहेगा। सोमवार सुबह से ही दर्रों में छाए हर हैं। हालांकि, बादलों के बीच बारालाचा, शिंकुला व कुंजम दर्रे में वाहनों का आना जाना लगा रहा।
लेह मार्ग पर पर्यटकों की आवाजाही अब नाममात्र हो रही है लेकिन खाद्य सामग्री सहित डीजल व पेट्रोल की सप्लाई अभी जारी है। दारचा चौकी प्रभारी सीता राम ने बताया कि लेह से मनाली की ओर 68 जबकि मनाली से लेह के लिए 213 वाहन रवाना हुए। बीआरओ योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर विकास गुलिया ने बताया कि बीआरओ का प्रयास रहेगा कि शिंकुला दर्रे को अधिक से अधिक समय तक खुला रखा जाए। उन्होंने कहा कि शिंकुला दर्रे को सर्दियों में भी बहाल रखने का प्रयास किया जाएगा ताकि कारगिल व जंस्कार घाटी लाहुल से जुड़ी रहे।