देश की पहली नगर निगम शिमला में 34 वार्डों के लिए वीरवार को रिजल्ट घोषित कर दिए गए। इस चुनाव में कांग्रेस ने अपनी जीत का परचम लहराया है। चुनाव में जीत का ये आंकड़ा काफी अहम रहा है, यानी शहर की सरकार के लिए कांग्रेस को ऐतिहासिक जनादेश मिला है। पहली बार चुनाव पार्टी सिंबल पर हुए और इसमें कांग्रेस को 34 में से कुल 24 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इससे पहले साल 2007 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। उसके बाद धूमल सरकार में 2012 में प्रत्यक्ष चुनाव करवाए गए। इसमें माकपा के प्रत्याशियों ने अपनी जीत दर्ज की। साल 2017 में भाजपा ने निगम में अपना कब्जा किया था। और इस बार कांग्रेस ने पार्टी सिंबल पर करवाए चुनाव में अपनी ऐतिहासिक जीत हासिल की है। मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू ने भी जीत हासिल करने के बाद कहा कि शिमला का यह चुनाव काफी अहम रहता है और इसे मिनी हिमाचल भी कहा जा सकता है। यहां पर हर वर्ग के लोग रहते हैं। ऐसे में कांग्रेस की नगर निगम में ये ऐतिहासिक जीत रही है। कांग्रेस को सता में आए अभी चार माह का समय ही हुआ है।ऐसे में सरकार की भी इस नगर निगम चुनाव में पहली परीक्षा जिसे कांग्रेस ने पास किया। शिमला नगर निगम चुनाव में 34 में से 24 वार्ड जीते हैं। भाजपा को महज नौ से संतोष करना पड़ा। भाजपा ने जिन नौ वार्डों में जीत दर्ज की है उनमें बेहद करीबी मुकाबले रहे हैं। छह वार्ड में हार-जीत का अंतर 23 से 70 वोटों के बीच रहा है, जबकि चार वार्ड पर चुनाव लडऩे वाली माकपा ने समरहिल से चुनाव जीत लिया। एक दशक बाद दोबारा राजधानी में कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई है। कांग्रेस की इस जीत के साथ ही अब प्रदेश और शिमला नगर निगम दोनों जगह कांग्रेस की सरकार चलेगी। अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह तीसरा मौका है जब कांग्रेस ने अपने पुराने प्रदर्शन को बकरार रखते हुए लगभग एक तरफा मुकाबले में भाजपा को पटखनी दे दी है। सरकार और संगठन के इन प्रयासों का फायदा नगर निगम चुनाव में मिल गया है। कांग्रेस की बड़ी जीत के साथ ही पार्टी अब राजधानी में वापसी कर रही है।
