सिरमौर जिले के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों कई दिनों से हो रही बारिष से मौसम सुहावना हो गया है मगर बारिश और नमी से गेंहू और जौं जैसी लगभग तैयार खड़ी फसलों को व्यापक नुकसान हो रहा है। जबकि मौसम में हुआ बदलाव टमाटर लहसुन सहित सब्जियों को फायदा हो रहा है। दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों में यह बारिश गेहूं की फसल के लिए आफत बनकर आई है। मैदानी क्षेत्रों में खेतों में बची गेंहूँ खराब होनी शुरू हो गई है।
पहाड़ी क्षेत्रों में डेड महीना पहले किसानों को बारिष नहीं होने से सूखा पड़ने की चिंता से सता रही थी। अब जब फसलें तैयार हो रही है तो बेमौसमी बरसात डराने लगी है। पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले चार पांच दिनों से रुक रुक कर बारिष हो रही है। जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों, हरिपुरधार और नोहराधार में ओले भी पड़ रहे हैं। इन क्षेत्रों में जंहा गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है वहीं फलदार पौधों को भी ओला बृष्टि से भारी हानि हुई है। ओलावृष्टि से फलदार पौधों में आए फूल और छोटे फल झड़ गए हैं। भगवानों को डर सता रहा है कि यदि मौसम ऐसे ही खराब बना रहा और ओलावृष्टि होती रही तो फलदार पौधों को व्यापक नुकसान होगा। हालांकि टमाटर और लहसुन जैसी नकदी फसलों के लिए बारिश अच्छे मानी जा रही है मगर यदि कुछ दिन और बारिश होती है तो लहसुन की जड़े खराब होनी शुरू हो जाती है जिससे फसल को काफी नुकसान होता है। ऐसे में किसानों को क्षेत्र की प्रमुख फसल लहसुन के खराब होने का डर सता रहा है। दूसरी और जिले के मैदानी क्षेत्र पावटा दून क्षेत्र में गेहूं की फसल को बारिश से होने वाली नमी से भारी नुकसान हो रहा है। हालांकि मौसम का रुख देखते हुए अधिकतर किसानों ने जल्द फसल काटने का प्रयास किया था। मगर अभी भी बहुत से किसानों की फसल खेतों में ही खड़ी है। लगातार बारिश होने से खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हो रहा है।