(रितेश चौहान)- मनरेगा में इस वर्ष निर्धारित सौ दिनों का रोज़गार न मिलने के कारण आज सैंकड़ों मज़दूरों ने बीडीओ धर्मपुर के बाहर प्रदर्शन किया और उन्हें काम लेने के लिए लिखित में सामूहिक आवेदन किये तथा ऑनलाइन हाज़री, बीस कर्यों की शर्त हटाने और मनरेगा में मज़दूरी 350रु करने के लिए मुख्यमंत्री को माँगपत्र भेजा।जिसका नेतृत्व मनरेगा व निर्माण मज़दूर फेडरेशन हिमाचल प्रदेश के राज्य महासचिव व पूर्व ज़िला सदस्य भूपेंद्र सिंह और धर्मपुर खण्ड अध्यक्ष करतार सिंह चौहान ने किया।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस साल अभी तक पंचायतों में 50 दिनों से भी कम काम मज़दूरों को मिला है और अब केंद्र सरकार ने जो तीन समय ऑनलाईन हाज़री लगाने और बीस कर्यों की जो शर्त रखी है उससे पंचायतों में काम ठप हो गए हैं।उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले ही मनरेगा के बजट में कटौती कर दी है और अब इस तरह की नई नई अड़चने डालने से काम ही ठप्प हो गए हैं।जिस कारण हज़ारों ग़रीब परिवारों को मिल रहे रोज़गार के अवसर ही ख़त्म हो गए हैं।ऑनलाईन हाज़री लगाने के लिए सरकार को सभी वार्ड सदस्यों को आई फ़ोन और उन्हें इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए था या फ़िर इस कार्य के लिए अलग कर्मचारी नियुक्त किए जाने चाहिए जो इसी काम को करें।लेक़िन केंद्र की मोदी सरकार ने आनन फानन में ये निर्णय लिया है जो मज़दूर विरोधी है।इसके अलावा बहुत से स्थानों पर नेटवर्क भी नहीं होता है जिसकारण हाज़री का फ़ोटो अपलोड नहीं होते हैं।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बीस अधूरे काम होने पर नए कार्यो की स्वीकृति पर रोक लगा दी है।मनरेगा सॉफ्टवेयर के अनुसार अगर किसी काम की मज़दूरी के अदायगी हो जाती है और मैटीरियल की पैमेंट नहीं होती है तो वह काम अधूरा होता है। मैटीरियल की पैमेंट समय पर नहीं हो पाती है इस बजह से बहुत से काम अधूरे शो होते हैं।इसलिए यूनियन की मांग है कि इस शर्त को हटाया जाए और सामग्री और मज़दूरी की अदायगी साथ साथ करने के लिए क़दम उठाये जायें।इसके अलावा यूनियन ने यह भी मांग उठाई है कि मनरेगा मज़दूरों को राज्य सरकार की निर्धारित 350 रु दिहाड़ी दी जाए।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा मज़दूर यूनियन ने मज़दूरों से पूर्व मंत्री और उनके परिवार द्धारा मनरेगा मज़दूरों के ख़िलाफ़ जो काम गत पांच साल किये थे उसके चलते उन्हें हराने के लिए वोट देने की अपील की थी और उसका चुनावों में भी असर पड़ा यहां से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है। इसलिये उन्हें अब मनरेगा मज़दूरों को सौ दिनों का काम और 350 रु दिहाड़ी दिलवाने के लिए क़दम उठाने चाहिए।आज बीडीओ के किये गए आवेदनों में ग्राम पंचायत चोलथरा, सरौन, गरयोह, कोट, टिहरा, तनिहार, ग्रोउडू, साधोट,पिपली, सजाओपीपलु, जोढन,डरवाड़,घरवासड्डा,लौंगनी, सरी, बिंगा, ब्रांग, सिद्धपुर, दतोहली-परडाना,दतवाड़,नेरी, संधोल, कोठहुवां इत्यादि के पांच सौ से अधिक मज़दूरों ने आज सामूहिक आवेदन किया है।भूपेंद्र सिंह ने कहा यदि इन मज़दूरों को 15 दिनों में काम नहीं मिलता तो ये सभी मज़दूर बेरोज़गारी भत्ते के हक़दार हो जाएंगे और सरकार को इन्हें बेरोज़गारी भत्ता देना होगा।
सरकार मनरेगा के लिए निर्धारित स्टाफ़ भी नहीं लगा पाई है बड़ी हैरानी की बात है कि धर्मपुर खण्ड की 54 पंचायतों के लिए केवल मात्र 14 ग्रामीण रोज़गार सेवक और 22 तकनीकी ही कार्यरत हैं और एक जीआरएस के पास चार चार और तकनीकी सहायक को तीन तीन पँचायतों का जिम्मा है जो समय पर उनके मस्ट्रोल जारी करने,जिओ टैग,एस्टिमेट बन्नाने और असेसमेंट करने और उन्हें साफ्टवेयर पर अपलोड करने के कार्य को भी नहीं कर पाते हैं और बहुत से कर्मचारी मानसिक तनाव के शिकार हो गए हैं।इसलिए सरकार को सबसे पहले धर्मपुर और अन्य खंडों में प्रत्येक पँचायत में जीआरएस और तकनीकी सहायक नियुक्त करने चाहिए।जब तक हर पँचायत में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होती तब तक पुरानी पध्दति के आधार पर ही कार्य किया जाना चाहिए।इस अवसर पर बाला राम,बलदेव ठाकुर, कर्मसिंह, कश्मीर सिंह, मोहन लाल, रामचन्द,ओमचन्द, राकेश शर्मा, ,कीर्णवाला शर्मा, मीना देवी, रानी देवी, जमीला,गोमा देवी, रीना, सुमना देवी,ऋतू,हिमा देवी, पुष्पलता, अन्नू, रानी, प्रतिमा, सुनीता, शारदा इत्यादि उपस्थित रहे।