हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के अलावा अवैध खनन से नुकसान के बाद प्रदेश सरकार ने खड्डों व नालों में माइनिंग पर पूरा प्रतिबंद लगाया हुआ है। लेकिन औधोगिक क्षेत्र बद्दी में कुछ लोग अवैद्य माइनिंग से अपनी जेबें भरने से बाज नही आ रहे है। यह लोग नदियों व नालों में माइनिंग को अंजाम देना शुरू कर देते हैं। मामला बद्दी का है जहा अवैध खनन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। बद्दी के बालद पुल के पास बारिश की आड़ में हो रही अवैध माइनिंग का है जहा बालद नदी से अवैद्य माइनिंग के बाद भरे हुए ट्रेक्टर व टिपर पुलिस थाना बद्दी से 50 मीटर दूरी से पहले मुड़ रहे है। जिसकी सूचना लोगो ने पुलिस अधीक्षक बद्दी को दी। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम ने छापेमारी की।
बेशक वहां लगी पोपलैन व टिपर माईनिंग स्थल से भागने में कामयाब हो गए परन्तु पुलिस ने वहां हुई ताजी माइनिंग का निरीक्षण किया। मौके पर ही एस.पी. बद्दी मोहित चावला भी पहुंचे व उन्होंने अपने अधिकारियों को माइनिंग स्थल के साथ लगते क्रशरों की जांच के आदेश भी दिए। सूत्रों की माने तो खनन माफिया को सफेदपोश नेताओं का संरक्षण है। हैरानी की बात तो यह है की बद्दी में जहां मुख्य पुल क्षतिग्रस्त हुआ है यह अवैध माइनिंग वही हो रही थी।
यह हाल तब है, जब प्रदेश सरकार की ओर से लगातार अवैध खनन पर शिकंजा कसने के लिए दिशानिर्देश जारी हो रहे हैं। खनन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें भी बनीं। इन टीमों ने भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की। वही एसपी बद्दी का कहना है की विदितओ कि जैसे ही सूचना मिली बद्दी पुलिस की टीम वहां पहुंची व थोड़े ही समय बाद वह खुद भी मौके पर पहुँच गए। उन्होंने पुलिस की टीम को कहा कि बालद नदी के साथ लगते क्रशरों का निरीक्षण किया जाए व माइनिंग के प्रति किसी भी प्रकार की कोताही को बख्शा नहीं जाएगा।