पानीपत जिले के रसलापुर गांव की गोरजा फैक्टरी में तीन दिन पहले तीन श्रमिकों की हत्या के मामले में आरोपी फैक्टरी मालिकों को गिरफ्तार नहीं किया गया। इस बात से रोषित परिजन ने मंगलवार को समालखा लघु सचिवालय पहुंचे। ASP मयंक मिश्रा से मुलाकात करने पहुंचे लेकिन मयंक मिश्रा वहां नही मिले तो परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन पर मिलभगत के आरोप जड़े हैं। परिजन, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।
गांव रसलापुर की पूर्व सरपंच शकुलत ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की आरोपियों के साथ साठ-गाठ है। दरअसल, पुलिस आरोपियों को बचाना चाहा रही है। शकुलत ने कहा कि शुरुआत दिन से ही पुलिस इसे हादसा दिखाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। सिविल अस्पताल के शवगृह के बाहर जब सब परिजन व ग्रामीण आरोपियों पर कार्रवाई की मांग के लिए अड़े हुए थे, तब पुलिस ने वहां से सभी को लाठी चार्ज करने की धमकी देते हुए खदेड़ दिया। परिजनों को जबरदस्ती शव सौंपे गए। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का झूठा आश्वासन दिया था।
मृतक कुर्बान के परिजन गयूर ने कहा कि पुलिस आरोपियों को थाने में बैठा कर चाय पिला रही है। जब परिजन पुलिस के पास न्याय के लिए गए, तो पुलिस ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि वे उनका टाइम वेस्ट न करे। यहां से चले जाए। पुलिस ने थाने से न जाने पर कड़ी कार्रवाई करने की भी धमकी दी थी। गयूर ने यह भी बताया कि पुलिस, मृतक के परिजनों व ग्रामीणों की एक भी बात नहीं सुन रही है। मामले में एकतरफा कार्रवाई करते हुए पुलिस को क्लीन चिट देने की तैयारी की जा रही है।