बिलासपुर/कश्मीर ठाकुर
वीरवार को बीडीटीएस सभा के कार्यालय में प्रधान राकेश ठाकुर की अध्यक्षता में महासम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें सभा के 21 सदस्यों सहित भारी संख्या में ट्रांसपोर्टरों ने उपस्थिति दी। पिछले 50 दिनों से आंदोलन कर रहे ट्रक आपरेटरों ने एक स्वर में सहमति देते हुए अपनी जिद को छोड़कर किराये के लिए समझाैता करने को तैयार हो गए हैं। एसीसी बरमाणा में ढुलान कार्य में जुटे ट्रक आपरेटरों ने बीडीटीएस कार्यकारिणी को सरकार से इस बारे में समझौता करने के लिए अधिकृत कर दिया है। बीडीटीएस का जनरल हाउस इसके प्रधान राकेश ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जनरल हाउस में बीडीटीएस प्रबंधन ने आपरेटरों को जानकारी दी कि प्रदेश सरकार आपरेटरों के हितों के लिए चिंतित है तथा मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार उनके हकों से खिलवाड़ नहीं होने देगी। लेकिन इस विवाद को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों का राजी होना जरूरी है। सरकार की तरफ से 10 से 10.20 रुपये के मध्य किराया दर तय की जा सकती है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने बैठक में बता दिया है तथा अंबुजा सीमेंट में कार्यरत ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने भी इस रेट पर अपनी सहमति जता दी है। बीडीटीएस के कोषाध्यक्ष सुरेश चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बीडीटीएस को शुक्रवार को दोबारा बैठक के लिए बुलाया है।यदि सरकार 10 रुपए और 10.20 रुपये के बीच किराया दर तय कर देती है तो बीडीटीएस समझौता कर लेगी। उन्होंने बताया कि यदि इस दर पर समझौता नहीं होता है तो चार फरवरी को दो घंटे के लिए किए जाने वाले चक्का जाम में बीडीटीएस के ट्रक ऑपरेटर भाग लेंगे। राकेश ठाकुर ने कहा कि मालभाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों के बीच विवाद को आज 50 दिन हो गए और ट्रक सड़क किनारे खड़े खड़े खराब होने लग गए है।
बैठक में सभा के चेयरमैन लेखराम वर्मा ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों का मामला सुलझता नजर आ रहा है और ऑपरेटरों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सीएम ने उन्हें मामले को जल्दी सुलझाने का आश्वासन दिया।बरमाणा में पिछले 50 दिनों से एसीसी सीमेंट कारखाना प्रबंधन एवं ट्रक आपरेटरों के बीच माल भाडे के गतिरोध के चलते ट्रक आपरेटरों का आंदोलन लगातार जारी है। इसी के चलते बीते बुधवार को इस मसले पर वार्ता करने के लिए मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर बीडीटीएस पदाधिकारी शिमला गए थे।तीन चरणों में बैठक का दौर चला था । सीएम ने ट्रांसपोर्टरों आश्वासन देते हुए कहा कहा कि हिमाचल सरकार ट्रांसपोर्टरों के साथ है और उन्हें किसी भी सूरत पर घाटा नहीं होने दिया जाएगा । इसके लिए चाहे उद्योगपतियों से लड़ाई लड़ने पड़े ।उन्होंने कहा इंडस्ट्री लिस्ट का पक्ष भी सुना जाएगा और उनका भी ध्यान रखा जाएगा । यहां पर यह जानकारी देते हुए बीडीटीएस चेयरमैन लेखराम वर्मा ने कहा कि बीडीटीएस सभा ने सीएम के समक्ष अपनी बात को प्रमुखता से रखा है। सीएम को बताया कि जिस रेट पर अदाणी समूह सीमेंट व क्लींकर ढुलाना चाहता है उस रेट में ट्रक चलाना संभव नहीं है। आपरेटरों को पहाड़ी क्षेत्र का 11.41 रुपये, पहाड़ी ,मैदानी क्षेत्र का 10. 38 और मैदानी क्षेत्र का छह रुपये किराया मिलता है। लेकिन अडाणी समूह मैदानी क्षेत्र के रेट के आधार पर ही हिमाचल में ढुलाई करने के लिए आपरेटरों पर दबाव डाल रहा है।सभा के चेयरमैन लेख राम वर्मा ने कहा कि सीएम ने बताया कि अदानी समूह प्रबंधन सिंगल डिजिट माल ढुलाई रेट पर अडिग है। फिलहाल सरकार 10 और ₹10 के मध्य किराया दर तय करने पर चर्चा करेगी । कहा कि अगर ट्रांसपोर्ट अपनी बात पर ही अडिग रहता है तो उसे भविष्य में आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है । सरकार के पास फैक्ट्री की लीज , पानी बिजली को रद्द कर सकता है लेकिन उस से मसला हल होने वाला नहीं है । फ़िलहाल कारखाने को चालू करने की कोशिश करे बाकि बाटे बाद में भी होती रहेगी।
