नशे का बढ़ता प्रचलन, विशेषकर चिटटे का यूज युवाओं में पुलिस के साथ-साथ समाज के लिए चैलेंज बना हुआ है। आए दिन नशे के मामले सामने आ रहे हैं। पूर्व के वर्षों की बात करें तो विशेषकर चिटटे के मामले बॉर्डर एरिया में ही प्रकाश में आते थे, लेकिन अब जिला कांगड़ा के विभिन्न स्थानों पर चिटटे की बरामदगी के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि पुलिस द्वारा नशे को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, इसके बावजूद नशे का प्रचलन लगातार बढ़ता जा रहा है। एनडीपीएस एक्ट की बात करें तो इसमें सजा के साथ-साथ नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टीज को अटैच करने का भी प्रावधान है, जिसके तहत जिला पुलिस ने कई नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टीज अटैच भी की हैं, इसके बावजूद नशा कारोबारी इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस की ओर से यह प्रयास रहता है कि ऐसे सोर्सिस का पता लगाया जाए, जहां से नशा सप्लाई होता है, कहां-कहां बेचा जाता है। ऐसे स्थानों का पता लगाया जाए जहां नशा ज्यादा इस्तेमाल होता है और ऐसे एरिया चिन्हित किए जाएं, जो कि नशे के हब बन चुके हैं, ऐसी जानकारियां जुटाकर पुलिस कार्रवाई अमल में लाती है।
इस संबंध में डीआईजी नार्थन रेंज अभिषेक दुलर का कहना है कि नशे विशेषकर चिटटे का बढ़ता यूज पुलिस के साथ समाज के लिए चैलेंज है। नशे को बढऩे से कैसे रोकें, इसके लिए पुलिस की ओर से हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। युवा पीढ़ी नशे को ज्यादा यूज कर रही है। चिटटे का प्रयोग बहुत ज्यादा एडिक्टिव होता है, सेहत को खराब करता है और यह परिवार से लेकर समाज को नुकसान पहुंचाता है। डीआईजी का कहना है कि एनडीपीएस कानून के तहत जहां सजा का प्रावधान है, वहीं प्रॉपर्टी अटेचमेंट के भी प्रावधान हैं। जिसके तहत नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की प्रॉपर्टी अटैच की जा सकती है और ऐसे मामलों में पुलिस ने काफी प्रॉपर्टी अटैच भी की है।