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झूठी एफआईआर की प्रतियां जला कर मंडी में किसान सभा ने किया प्रदर्शन

सरकाघाट। दिल्ली के स्वतंत्र न्यूज़ क्लिक मीडिया ग्रुप पर गत वर्ष दिल्ली में हुए किसान आंदोलन को कवर करने और उसका समर्थन करने को आतंकी गतिविधि बता कर 17 अगस्त 2023 को दिल्ली में एफआईआर (FIR) दर्ज करके इसके मुख्य संपादक प्रबीर पुरकास्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को 3 अक्टूबर से केंद्र की मोदी सरकार ने जेल में बन्द किया है।मीडिया की स्वतंत्रता पर मोदी सरकार के इस तानाशाही के ख़िलाफ़ आज मंडी में हिमाचल किसान सभा व अन्य संगठनों ने गांधी चौक मंडी में विरोध प्रदर्शन किया और मोदी सरकार के ख़िलाफ़ ज़ोरदार नारेवाजी की इस सरकार को हिटलरशाही वाली नीति लागू करने वाली सरकार बताया।

प्रदर्शनकरिओं ने इस झूठी एफआईआर की प्रतियां सार्वजनिक तौर पर जलाई। जिसका नेतृत्व किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर महासचिव होतम सौंखला पूर्व विधायक राकेश सिंघा,ओंकार शाद, कुशाल भारद्वाज, जोगिंदर वालिया,रामजी दास,भूपेंद्र सिंह व सुरेश सरवाल इत्यादि ने किया। इस मौके पर डॉ कुलदीप तंवर ने बताया कि केंद्र सरकार द्धारा दायर की गई इस झूठी एफआईआर के विरोध में पूरे देश में 1से 5 नवंबर तक विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और उसी कड़ी में आज मंडी में ये प्रदर्शन किया गया और सरकार से इस झूठी एफआईआर को वापिस लेने और उसके आधार पर हिरासत में लिए गए इस मीडिया ग्रुप के संस्थापकों को जल्द रिहा करने की मांग की गई।पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह से तानाशाही और हिटलरशाही की नीतियां लागू कर रही है और मीडिया की स्वतंत्रता और जनता की आवाज़ को इस तरह के हथकंडों से कुचलना चाहती है।

लेक़िन देश के किसानों ने उन्हें काले तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए मजबूर किया था और अब उन्हें अगले साल होने वाले चुनावों में सत्ता से बाहर करने के लिए अभियान छोड़ेगी ताकि मीडिया और जनता के जनतांत्रिक अधिकारों को कुचलने वाली मोदी सरकार से सबक सिखया जा सके।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो झूठी एफआईआर दर्ज की है उसमें इस मीडिया ग्रुप पर ये भी आरोप लगाया है कि इन्होंने सँयुक्त किसान मोर्चे द्धारा तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली में हुये 376 दिन लंबे आंदोलन को प्रमुखता से कवर कियूं किया था।

यही नहीं एफआईआर में ये भी दर्ज किया गया है कि इस मीडिया ग्रुप को विदेशी पैसा आता है और ये ग्रुप आंतकी संगठनों से मिलकर देश विरोधी कार्य कर रहे थे और इन पर  झूठा राष्ट्रद्रोह का मामला बना कर उन्हें जेल में डाला गया है किया गया है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उनकी नीतियों का विरोध करने वाली उस प्रत्येक व्यक्ति व आवाज़ को गैर कानूनी तौर पर दबाने का काम कर रही है जो केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं और उसके लिए ये सरकार हर तरह के गैर कानूनी व असवैधानिक हथकंडे अपना रही है।लेकिन देश भर में किसानों, मज़दूरों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं और बुद्धिजीवियों के संगठन मिलकर इसके ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद कर रहे हैं और इस सरकार को बेनक़ाब करने के लिए अभियान चला रहे हैं। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने अगर सरकार इस झूठी एफआईआर को वापस नहीं लेती है और हिरासत में लिये संपादकों को रिहा नहीं करती है तो इसके ख़िलाफ़ 25 नवंबर को शिमला में विशाल विरोध प्रदर्शन किया जायेगा जिसमें पूरे प्रदेश से हज़ारों किसान व मज़दूर भाग लेंगे।

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