जनता की आजीविका पर लगातार किये जा रहे हमलों के खिलाफ वामपंथी पार्टियों की और से जिला उपायुक्त कार्यालय पर लगाया धरना। धरने की प्रधानता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के नेता एम एल सहगल कि शकुंतला जाखड़ ने संयुक्त रूप से की। संचालन कामरेड चंदगीराम ने किया।
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि वामपंथी पार्टियां व अन्य कई वरिष्ठ राजनीतिक नेता यह आरोप लगाते रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अपने कुछ खास यारों को नाजायज लाभ प्रदान कर रहे हैं। यह नापाक गठजोड़ अब दुनिया के सामने उजागर हो चुका है। दुनियाभर के अमीरों में दूसरे नंबर पर पहुंचे अडाणी की अमीरी के पीछे असली राज का भंडाफोड़ हो गया है। अडानी साम्राज्य का महल तो देखते ही देखते तारा के पत्तों की तरह बिखर गया। जनता की गाढ़ी कमाई को बेरहमी से लुटवाने वाले इन लोगों के तथाकथित राष्ट्रवाद का नकली मुखौटा भी उत्तर गया है।
भारत की संसद में बवाल मचा है। बौखलाए हुए प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में लंबा भाषण दिया लेकिन इस मसले पर एक शब्द तक नहीं कहा। यदि विपक्ष के आरोप गलत है तो मोदी क्यों नहीं बोले कि आरोप निराधार है ? वह आखिर निष्पक्ष जांच से भाग क्यों रहे हैं ?
उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट- सांप्रदायिक गठजोड़ को इस सरकार से किसान मजदूरों को राहत की क्या आशा की जा सकती है। हाल में संसद में पेश किया गया बजट तो जनता के खिलाफ एक तरह से युद्ध छेड़ने का ऐलान है। बजट में जहाँ जहाँ किसान मजदूर का नाम आ रहा था वही कटौती करने का काम किया है।
इस साल के बजट में बीते साल की तुलना में खाद्य सब्सिडी पर 90 हजार करोड़ रुपए अर्थात 29 प्रतिशत की कटौती की गई है। जिस तरह हरियाणा में अनेक लोगों के बीपीएल कार्ड काटे हैं इसी तरह भाजपा शासित अन्य प्रदेशों में किया जा रहा है, जबकि 5 किलो मुफ्त राशन का ढिंढोरा पीट कर गरीबों से वोट लूटना चाहते हैं। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अनाज खरीद के बजट में 17 प्रतिशत और स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याह भोजन पर खर्च में 9.4 प्रतिशत की कटौती को गई है। यह है जब दुनिया में भारत सबसे भूखे और कुपोषित देशों में अव्वल दर्जे पर पहुंचा है। इसी प्रकार मनरेगा के बजट में लगातार कमी करते हुए आगामी साल के लिए 33 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव है, जबकि जरूरत तो यह भी कि भंयकर रोजगार के संकट और महंगाई की मार झेल रही गरीब जनता के लिए काम के दिन और दिहाड़ी के रेट बढ़ाए जाते और शहरी गरीबों के लिए भी रोजगार गारंटी की कोई योजना बनाई जाती। किसानों की आय दोगुना करने और बड़ी-बड़ी बातें की जाती रही हैं। इस बजट में किसानों के लिए खाद पर सब्सिडी के खर्च में 50 हजार करोड़ रुपए अर्थात 22 प्रतिशत की कटौती की गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 11.76 प्रतिशत, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 31 प्रतिशत, कृषि सिंचाई योजना के लिए 17 प्रतिशत, फसल बीमा योजना में 12 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव है।
इसी प्रकार स्वास्थ्य योजना के नाम पर आयुष्मान भारत के लिए बजट में 34 प्रतिशत की भारी कटौती की गई है, शिक्षा सशक्तिकरण योजना के आवंटन में 33 प्रतिशत और राष्ट्रीय शिक्षा मिशन पर 2 प्रतिशत को कमी की गई।
देश में 16 प्रतिशत एससी आबादी के लिए केवल 3.5 प्रतिशत और 8.6 प्रतिशत एसटी आबादी के लिए मात्र 2.7 प्रतिशत बजट खर्च का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओ को बजट में निराशा हाथ लगी है जबकि देश के सरमायदारों की छूट बरकरार रखी है ।
जनता का आक्रोश सरकार के खिलाफ न हो इसके लिए हिन्दू मुस्लिम के बीच मे जहर घोलकर गाय के नाम लड़वाया जा रहा गया। तथाकथित गऊ भक्तो को बेकसूर नोजवानों को कत्ल करने की छूट दे रखी है।
इस सब मसलो को लेकर पूरे देश मे वामपंथी पार्टियां अभियान चला रही है।
मुख्य मांगें:
- रोजगार निर्माण के लिए ढांचागत परियोजनाओं में सार्वजनिक
निवेश बढाया जाए। - मुफ्त 5 किलो अनाज के साथ सब्सिडी पर मिलने वाला अनाज बहाल करो।
- मनरेगा पर बङी मात्रा में धनराशी और दिहाड़ी के रेट बढाए जाएं।
- अमीरों पर सम्पत्ति कर और वंश कर लगाया जाए।
- अमीरों को दी गई टैक्स छूट वापिस ली जाए और अति अमीरों पर अतिरिक्त टैक्स लगाए जाएं।
- खाद्य वस्तुओं तथा दवाईयों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाइ जाए।
- परिवार पहचान पत्र के नाम पर गरीब लोगों के काटे गए पीले, गुलाबी राशन कार्ड दोबारा बनाए जाएं, बिना शर्त बुढ़ापा पेंशन दी जाए।
- छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।
- जुनैद और नासिर के हत्यारों को गिरफ्तार करो।
आज के धरने को वामपंथी नेता कामरेड दिनेश सिवाच, कामरेड रूप सिंह, सुखबीर सिंह, नरेश गोयल,हनुमान सिंह, चंदगीराम, सुबेसिंह बुरा, सुरेंदर मान, रमेश सैनी, निर्मला,संतोष श्योकंद, रतन सिंह मात्रश्याम, बलराज सिंह, मनोहरलाल जाखड़, सतबीर रोहिल, लक्ष्मण शाहपुर, ईश्वर ग्रेवाल, दिलबाग गिल, रामेश्वर हरिकोट, जरनैल सिंह, विनोद कुमार, विक्रम सिंह, सुजीत कुमार, धर्मबीर सिंह, शमशेर सिंह ने संबोधित किया।