कैथल,
हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि महिला आयोग का ध्येय केवल झगड़े निपटाना नहीं, बल्कि झगड़ों के कारणों को जानकर उन्हें दूर करना भी है। बच्चों से अनजाने में अगर गलती से गलती हो जाए पहली बार में ही सबक लेकर उसे सुधारें तथा आगे ऐसा नहीं करने का प्रण लें। आज के वर्तमान समय में सभी बच्चे इंटरनेट व मोबाईल में व्यस्त रहते हैं, जिससे उनके मार्ग भटकने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए सभी को दिमाग के दरवाजे खोलकर किसी पर भी अंधा विश्वास नहीं करना चाहिए।
हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया आयोग द्वारा आरकेएसडी कॉलेज में आयोजित कानूनी, साईबर क्राईम जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। कार्यक्रम का शुभारंभ चेयरपर्सन रेनू भाटिया, डीएसपी विवेक चौधरी, हरेंद्र गुप्ता, पूजा मित्तल, सुनीता शर्मा, गीता देवी आदि ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित करके किया। एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि आयोग द्वारा छटी कक्षा की छात्राओं से ही लड़कियों को क्राईम से बचने के लिए जागरूक करने की विशेष मुहिम छेड़ी गई है, ताकि बच्चियां शुरू से ही जागरूक हो और उनका उत्पीड़न नहीं हो। कमिशन द्वारा अब तक 18 जिलों में इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और यह 19वां जागरूकता कार्यक्रम है। किसी की भी व्यक्ति की मानसिकता बदलने में समय लगता है। युवा वर्ग अक्सर क्राईम में फंसता है, इसलिए आयोग द्वारा विशेषकर युवाओं को जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है।
चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि जहां तकनीकी व्यवस्था के अच्छे प्रभाव हैं, वहीं इनके दुष्प्रभाव भी होते हैं। हमें दुष्प्रभावों से बचना है और सोशल मीडिया प्लेट फार्म का सकारात्मक इस्तेमाल करना है। अगर किसी छात्रा के साथ कुछ गलत घटता है तो उसे चाहिए कि वे उसके बारे में शिक्षकों या अपने अभिभावकों को बताएं, ताकि उन्हें बचाया जा सके। इस बारे में पुलिस को भी सूचित किया जा सकता है और साथ ही महिला आयोग को बताएं। महिला आयोग बिना संबंधित का नाम उजागर किए उसकी मदद करेगी। हम जैसे-जैसे बड़े होते हैं तो हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। हमें अधिकारों के साथ-साथ अपने फर्ज को भी निभाना चाहिए। जीवन में अपने अलग रवैये में नहीं, बल्कि समझौतावादी व्यवहार पर चलना चाहिए। इससे जीवन में सांमजस्य स्थापित होगा, क्योंकि ठीक प्रकार से जीवन जीने में आपसी तालमेल बहुत जरूरी है। उन्होंने अभिभावकों से भी आह्वान किया कि अपने बच्चों पर ध्यान देते रहें और उनके साथ दोस्तों की तरह व्यवहार करते हुए संवाद स्थापित करते रहें।