उत्तराखंड के देहरादून स्थित विकासनगर ब्लॉक के ग्राम फतेहपुर निवासी श्यामा चौहान का जीवन समाज के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। श्यामा का संपन्न परिवार था, घर-मकान था और पति त्रिलोक सिंह की भी ऑटो स्पेयर पाट्र्स की दुकान थी। सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था कि अचानक एक दिन परिचित ने ही धोखाधड़ी से मकान बिकवा दिया।पति का कारोबार भी चौपट हो गया और परिवार दाने-दाने के लिए मोहताज हो गया। उस पर विडंबना देखिए कि क्षेत्र में घूंघट प्रथा होने के कारण एक महिला के लिए घर से बाहर निकलना भी किसी चुनौती से कम नहीं था। इसके बावजूद श्यामा ने हालात का मजबूती से मुकाबला करते हुए न केवल सामाजिक बंदिशों को तोड़ा, बल्कि खुद सफलता का मुकाम छूने के साथ ही आज 100 से अधिक महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। श्यामा की इस कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि आज उनके पास सारी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं।