जलाशय के नलों से जो पानी आ रहा है वह पूरी तरह से काला है, पीने योग्य तो दूर इस पानी का उपयोग अन्य आम जरूरतों के लिए नहीं किया जा सकता है.
साथ ही – यह काले रंग का पानी आप जलाशय के पाइपों में आते देख रहे हैं, इस पानी की आपूर्ति सीधे जलाशय से की जा रही है. आपको बता दें कि ऐतिहासिक शहर मुक्तसर साहिब के कई इलाकों में जलाशय के नलों से इतना ही पानी सीधे घरों में आ रहा है. सीवेज के पानी में मिला हुआ यह पानी पीने के लिए, यहां तक कि कपड़े और बर्तन धोने के लिए भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कहना होगा कि मुक्तसर साहिब क्षेत्र का भूगर्भ जल, जो फलियों के प्रभाव में है, भी खराब है और दूसरी ओर जिस जलभृत पर झाग बन रहा है, उससे सप्लाई किया जा रहा यह पानी इस समस्या का समाधान नहीं है. दैनिक जरूरतों के लिए लेकिन यह कई बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है.जहां समाजसेवियों ने इस समाधान की मांग की है, वहीं जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर की जलापूर्ति पाइप काफी पुरानी हैं, जिससे सीवरेज के लीकेज के साथ पानी मिल जाता है, इस पाइप प्रणाली को उचित रूप से बदला जाना चाहिए. यह आवश्यक है कि अमृत योजना के तहत धनराशि आने के बाद ही यह संभव हो और इसमें समय लगेगा।