सामरिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कीरतपुर मनाली फोरलेन पर नागचला से बिंद्रावणी के बीच 725 करोड़ रुपये की लागत से बने 8.100 किलोमीटर मंडी बाईपास का ट्रायल आज से शुरु होगा। बाईपास से 45 मिनट की बचत होगी। मंडी शहर को यातायात दबाव से राहत मिलेगी। पिछले कई वर्षों से देखे गए मंडी बाईपास के सपने ने अब साकार रूप ले लिया है।
बाईपास पर बने 10 छोटे बड़े पुल निरीक्षण की कसाैटी पर खरे उतरे हैं। सोमवार से सुरंगों के अंदर लगे सेंसर व दमकल उपकरणों का निरीक्षण होगा। ट्रायल दो से तीन दिन चलेगा। ट्रायल के लिए देर सायं साढ़े चार बजे का मुहूर्त तय किया गया है। इसके बाद बाईपास को स्थायी रूप से आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। यातायात दबाव के वाहनों को बिंद्रावणी से नागचला तक पहुंचने में करीब 45 मिनट का समय लग जाता था। करीब सात किलोमीटर की दूरी कम होगी। बिंद्रावणी व होटल वैली व्यू के पास यातायात पुलिस के जवान तैनात होंगे।
मंडी बाईपास करीब दो किलोमीटर लंबी चार सुरंगों से होकर गुजरेगा। बिंद्रावणी से मलौरी के बीच सुरंगों का निर्माण किया गया है। दो सुरंगों की लंबाई 1265 मीटर व दो की 727-727 मीटर है। इसके अलावा 10 पुलों का निर्माण किया गया है। इसमें तीन पुल बड़े व सात छोटे हैं। तीन वाहन अंडरपास बनाए गए हैं। सुरंगों के अलावा 6.198 किलोमीटर फोरलेन मार्ग बनाया गया है।
बाईपास शुरु होने से कुल्लू मनाली व लेह जाने वाले पर्यटक व मालवाहक अब मंडी शहर में नहीं आएंगे। बगला से बिंद्रावणी तक वाहनों की आवाजाही 80 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। पुलिस को यातायात व्यवस्था संभालने में ताकत नहीं झोंकना पड़ेगी। आइटीआइ चौक,बस स्टैंड व भ्यूली चौक पर जाम की स्थिति नहीं बनेगी।
मंडी बाईपास का निर्माण कार्य 2018 में शुरु हुआ था। 2021 तक पूरा होना चाहिए था। केएमसी कंस्ट्रक्शन कंपनी की लेटलतीफी से बाईपास का निर्माण कार्य तीन वर्ष की देरी से पूरा हुआ है। निरीक्षण के बाद सुरक्षा प्रमाणपत्र प्रदान मिल जाएगा। पिछले दिनों एनएचएआई मुख्यालय ने कंस्ट्रक्शन कंपनी का भुगतान रोक दिया था। इससे बाईपास शुरु होने की उम्मीद भी धूमिल पड़ती दिख रही थी। अब ट्रायल से बाईपास पर आवाजाही शुरु होने का रास्ता साफ हो गया है। जल्द इसका केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से उदघाटन करवाया जाएगा। एनएचएआइ ने प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेज दिया है।