मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई इस हिंसा ने अब तक काफी भयावक मोड़ ले लिया हैं। वही, मणिपुर में हो रही इस हिंसा के दौरान हिंसाग्रस्त मणिपुर के कांगपोकपी जिले में 2 आदिवासी महिलाओं के साथ दरिंदगी का मामला भी सामने आया था। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से वायरल हुआ था। वही, अब सीबीआइ द्वारा इस मामले में सोमवार, 16 अक्टूबर को 6 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की हैं और एक नाबालिक के खिलाफ रिपोर्ट दायर हुई है। जुलाई में हुई इस घिनौनी वारदात का वीडियो सामने आने के बाद देश-दुनिया के लोगों में आक्रोश फैल गया था। नाराजगी की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक सुनाई दी थी।
इस घटना से लोगों में काफी आक्रोश आ गया था। जिस देखते हुए मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस प्रकार की भयावक घटनाओं को अस्वीकार्य बताते हुए केंद्र-मणिपुर सरकार को तत्काल इस मामले पर कार्रवाई के आदेश जारी किए थे और साथ ही मामले पर कार्रवाई नहीं होने पर स्वत: कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद इस मामले को सीबीआइ को सौंप दिया गया था। केंद्रीय एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सोमवार को गुवाहाटी की विशेष सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दायरकी। इसमें आरोप लगाया कि गत चार मई को अत्याधुनिक हथियारों से लैस हजार लोगों की भीड़ मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव में घुस आई।
जिस दौरान लोगों की भीड़ ने गांव के घरों में घुसकर तोड़फोड़ कर आग लगा दी और ग्रामीणों के साथ मारपीट कर सारी संपत्ति लूट ली। इस दौरान दो महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया और उन्हें निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया गया। वही, इसका विरोध करने पर एक महिला के भाई और पिता को मौत के घाट उतार दिया गया। सीबीआइ की जांच में साफ हुआ कि मणिपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार सभी आरोपी इस घटना में शामिल थे। मामले के अन्य पहलुओं समेत अन्य आरोपियों की पहचान के लिए जांच जारी है। चार्जशीट में आरोपितों पर सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और आपराधिक षडयंत्र समेत विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, अब CBI द्वारा इस मामले पर जांच की जाएगी और वही अभी इस घिनौनी घटना में शामिल अन्य सभी आरोपियों की जांच जारी हैं जल्द ही वह भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।