सरकाघाट। उपमंडल सरकाघाट की ग्राम पंचायत रिस्सा में सड़क से दूर प्रस्तावित आयुर्वेदिक औषधालय भवन निर्माण के विरोध में ग्रामिणो की एक अहम बैठक पुर्व सैनिक सुबेदार ध्यान सिंह की अध्यक्षता में और पुर्व उप प्रधान लेखराज राणा की उपस्थिति में रिस्सा में सम्पन हुई। इस बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि रिस्सा में प्रस्तावित आयुर्वेदिक औषधालय एक तो सड़क मार्ग से दूर है और यहां तक सड़क का बनना तो दूर की बात है रास्ता भी नही है न ही इस स्थान पर धूप लगती है यहीं नहीं वृद्ध एवं छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और अंपगो कोस औषधालय तक पहुंचने के लिए काफी परेशानी होगी, और यहां अगर औषधालय बनाया गया तो मात्र 10 प्रतिशत लोगों को ही इसका लाभ होगा। अगर बात स्कूल और बाजार की करे तो वह भी एकतरफा होने से लाभ लेने में वंचित रहेंगे।
गौर रहे कि आयुर्वेदिक औषधालय पिछले 25 वर्षों से किराए के भवन पर चलता आ रहा है कम से कम यह औषधालय सड़क के साथ है और ग्रामिणो को बराबर लाभ मिल रहा है अगर सड़क से दूर नया आयुर्वेदिक औषधालय भवन बनाना है तो उससे वहीं किराए पर चल रहा भवन ही अच्छा है कम से कम पंचायत के हर व्यक्ति को लाभ मिल रहा है। इस लिए नए भवन निर्माण से किराए पर चल रहा औषधालय ही ठीक है। ग्रामिणो ने दो टूक शव्दो में सरकार से मांग कि है कि पंचायत घर के पास सरकारी भूमि है वहीं पर प्रस्तावित आयुर्वेदिक औषधालय भवन का निर्माण किया जाए। अन्यथा आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ सकता है। इस मौके पर लेखराज राणा, ज्ञानचंद राणा, रोशन लाल गुप्ता, परसराम, जुल्फीराम, अमर दत्त सुभाष रावत, सुभाष शर्मा, देवी राम, कश्मीर सिंह, कृष्ण चंद, टेक चंद राणा, रंजीत सिंह, ओम चंद, मनोहर लाल, अन्य आदि मौजूद रहे।
उधर, स्थानिय पंचायत प्रधान लता देवी ने बताया कि कुछ लोग राजनिति कर रहे है जबकि जहां आयुर्वेदिक औषधालय निर्माण किया जाना है। यह जगह औषधालय के लिए उपयुक्त है और एक व्यक्ति ने दस बिस्वा जमीन सरकार के नाम दान की है और ग्रामीण निर्माण कार्य रोकने के स्थान पर सड़क निकालने का प्रयास करते तो यहां तक सड़क बनाई जा सकती है।