सीटू से सबंधित मिड डे मील वर्करज यूनियन संधोल तहसील कमेटी की बैठक आज संधोल में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता राणो देवी ने की और निशा देवी, रीना, कुशला देवी, ललिता, मंजुवाला, अंजू देवी, रजनी, रिंकू देवी कमला देवी के अलावा सीटू के ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह इस बैठक में विशेष तौर पर शामिल हुए। बैठक में 22 सितंबर को होने वाले विधानसभा के घेराव को सफ़ल बनाने की योजना बनाई गई और इसमें संधोल तहसील के वर्करों ने भी बढ़चढ़ कर भाग लेने का निर्णय लिया।
ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मिड डे मील वर्करों को माह मई से अगस्त तक का मासिक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। दूसरी तरफ पिछले 20 साल से कार्यरत वर्करों को बच्चों की संख्या कम होने पर घर भेजा जा रहा है। इनको सरकार 12 माह के बजाए 10 महीनों का ही वेतन देती है और इन्हें कोई आकस्मिक, मैडिकल व अन्य प्रकार की छुटियाँ मिलती है।
इन्हें विभाग में शामिल करने की कोई योजना नहीं है और स्कूल बंद होने पर इन्हें दूसरे स्कूलों में एडजस्ट नहीं किया जा रहा है। इन्हें न्यून्तम वेतन से भी वंचित रखा गया है। किसी विशेष परिस्थिति में अगर छुटी करनी पड़े तो इन्हें अपने बदले में दिहाड़ी पर किसी को भेजना पड़ता है। महिला वर्करों को रक्षा बंधन, भईया दूज और करवा चौथ का अवकाश भी नहीं दिया जाता है। इसलिए यूनियन ने इन सब मांगो को पूरा करने और विशेषकर इनके लिए नीति बनाने और छँटनी पर रोक लगाने और मासिक वेतन 12500 रु करने और पूरे साल का वेतन देने के लिए हाई कोर्ट के फैसले को तुरन्त लागू करने और बन्द हो रहे स्कूलों के वर्करों को विभाग में ही अन्य पदों पर लगाने की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने और मुख्यमंत्री को माँगपत्र सौंपने का निर्णय किया है।