ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में नव-निर्वाचित सरपंचों का विरोध जारी है। सरपंचों की कई बार सरकार से बातचीत हुई। मांगपत्र भी दे दिया, लेकिन सरकार ने अभी तक सरपंचों की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया है।इसी कड़ी में गुस्साए पानीपत के सरपंचों ने एकजुट होकर शहर में रोड मार्च निकाला। उन्होंने कहा कि गांवों की सरकारों की प्रदेश सरकार अनदेखी कर रही है। सरपंचों ने लाल बत्ती चौक से मिनी सचिवालय तक रोड मार्च निकाला और अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान कर दिया इसके अलावा सभी विधायकों के आवास एवं कार्यालय पर अपनी मांगों का ज्ञापन देंगे।
सरपंचों का कहना है कि सरकार की ये स्कीम सरपंचों के खिलाफ है। अगर गांवों में विकास करने के लिए पैसा उन्हें सीधे तौर पर नहीं दिया जाएगा तो ठेकेदार और अधिकारी अपनी मनमर्जी से काम करेंगे। इससे गांव का विकास नही हो पाएगा।
सरपंच लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और सरकार से ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सरपंचों ने सरकार पर ठेका प्रथा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार अधिकारियों और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।