छात्र संगठन एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा फीस में की गई वृद्धि के खिलाफ आवाज बुलंद की है। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव रूबल ठाकुर ने ऊना में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि एक ही सेमेस्टर में लॉकडाउन से पूर्व और अनलॉक के दौरान फीस में करीब 1000 रुपये का अंतर पाया जा रहा है।
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एक समेस्टर के छात्रों से लॉक डाउन से पूर्व जहां 12 सौ रुपए फीस ली गई थी, वहीं उस दौरान फीस न भर पाने वालों से उसी सेमेस्टर के अब 2200 रुपये फीस वसूली जा रही है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन बेलगाम हो चुका है। सरकार छात्रों की समस्याओं के प्रति उदासीन हो गई है। छात्रों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिक्षा मंत्री को अपने विभाग की कोई परवाह नहीं रह गई है। रूबल ठाकुर ने चेतावनी दी है कि यदि फीस में इस वृद्धि को तुरंत वापस न लिया गया तो एनएसयूआई को प्रदेश स्तर पर व्यापक आंदोलन शुरू करना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन और प्रदेश सरकार की होगी।