सरकाघाट। मनरेगाकर्मियों की हाजरी ऑनलाईन लगने के कारण यदि किसी तकनीकी खराबी के कारण साईट पर हाज़री न दर्ज हो तो मज़दूरों को उस दिन घर वापिस भेज दिया जाता है और उन्हीं अनुपस्थिति लगाई जा रही है। जो मज़दूरों के साथ अन्याय और उनको मानसिक और पर प्रताड़ित करने का ही काम है।ये बात मनरेगा व निर्माण मज़दूर यूनियन के राज्य महासचिव व श्रमिक कल्याण बोर्ड के सदस्य भूपेंद्र सिंह ने मीडिया में कही। उन्होंने बताया कि पिछले कल वे और यूनियन के खण्ड अध्यक्ष करतार सिंह चौहान मनरेगा मज़दूरों से मिलने धर्मपुर विकास खण्ड की सरौन पंचायत के सभी वार्डों में गये तो हयोड़ वार्ड में मज़दूरों को सुबह साईट पर ऑनलाईन न लगने के कारण छूटी कर दी गई थी और उनकी गैर हाज़री लगा दी गई थी।
वार्ड सदस्य निशा देवी से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमें ऊपर से ही ऐसे आदेश हैं कि यदि ऑनलाईन हाज़री न लगे तो उस दिन की एबसेंट लगानी है और मजदूरों से काम नहीं करवाना है और उन्हें वापिस घर भेज देना है। इस पर भूपेंद्र सिंह,करतार चौहान और रमेश भारद्वाज ने ऐतराज जताया कि अगर साईट पर ऑनलाईन हाज़री न लगे तो ऑफ़लाइन जो मस्ट्रोल जारी हुआ होता है उस पर हाज़री लगाने का प्रावधान है और उसके आधार पर मज़दूरों को दिहाड़ी मिल सकती है लेकिन कई पंचायतों में इस विकल्प को इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है और उससे मज़दूरों को नुक़सान होता है।इसलिए उन्होंने बीडीओ से इस बारे सभी पंचायतों को निर्देश जारी करने की मांग की है।
वहीं सरौन पंचायत के उन सभी 9 मज़दूरों ने बीडीओ को पत्र लिखकर ये मांग की है कि उनकी गैर हाज़री लगाने के बारे में जांच की जाए और उन्हें इस दिन की भी मजदूरी दी जाए। जिन की मज़दूरों एबसेंट लगी है उनमें वार्ड सदस्य निशा सहित मज़दूर विजय कुमार, शकुंतला, कांता, शोमा, सुमन कुमारी, किरण कुमारी हैं। यूनियन ने इस तरह की तकनीकी खराबी आने पर ऑफलाइन हाज़री का विकल्प अपनाने के लिए निर्देश जारी करने की मांग बीडीओ से की है औऱ इन्हें इस दिन की मजदूरी अदा करने की मांग की है।